दिवाली पर नहीं जलेंगे पटाखे, दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ये हैं प्लान
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दिवाली पर नहीं जलेंगे पटाखे, दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ये हैं प्लान

Delhi Air Pollution: पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर प्रतिबंध के बावजूद, किसान धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच खेतों में पराली जलाना जारी रखते हैं, जो दिल्ली में फैले प्रदूषण में भारी योगदान देता है.

 

दिवाली पर नहीं जलेंगे पटाखे, दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ये हैं प्लान

Delhi Air Pollution: सर्दी आते ही दिल्ली की हवा प्रदूषित होने लगी है. दिल्ली के पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में किसानों ने पराली भी जलाना शुरू कर दिया है. उधर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बताया है कि दिल्ली की हवा काफी खराब हो रही है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने सर्दियों में वायू प्रदूषण से निपटने के लिए कई प्लान तैयार किए हैं. 

किसानों को मुफ्त मिलेगा बायो डीकंपोजर

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 30 सितंबर से 15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की थी. कार्य योजना की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा था कि पराली जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण साल के इस समय एक शीर्ष चिंता का विषय बना हुआ है. दिल्ली के पूसा संस्थान द्वारा तैयार बायो डीकंपोजर किसानों को मुफ्त दिया जाएगा. दूसरा, छह अक्टूबर से धूल विरोधी अभियान शुरू होगा और 586 टीमों द्वारा सक्रिय निगरानी की जाएगी.

पटाखों पर जारी रहेगा प्रतिबंध

केजरीवाल ने बताया कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए पीयूसी नीति को लागू करने की जांच के लिए करीब 380 टीमों का गठन किया गया है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि पटाखों पर प्रतिबंध हर साल की तरह जारी रहेगा. एक बार में तीन दिनों के पूवार्नुमान के लिए जीआरएपी का पालन किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पड़ोसी राज्यों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि बाहर से आने वाले ज्यादातर वाहन सीएनजी वाहन हों.

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बिना पीयूसी के नहीं मिलेगा पेट्रोल

दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि 25 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंपों पर पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण में) प्रमाण पत्र के बिना पेट्रोल और डीजल उपलब्ध नहीं होगा. 1 अक्टूबर को मीडिया से बात करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, यदि एक्यूआई 200-300 के बीच रहता है, तो जीआरएपी के अनुसार निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन से धूल उत्पन्न होने पर सख्त अनुपालन किया जाएगा और जनरेटर सेट को रोकने का आदेश जारी किया जा सकता है.

तंदूर और डीजल सेट पर लगेगा प्रतिबंध

उन्होंने बताया कि यदि एक्यूआई 300-400 के स्तर के बीच चला जाता है, तो तंदूर और डीजल सेट पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और मेट्रो यात्राओं के साथ-साथ पार्किंग शुल्क भी बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि एक्यूआई 400-500 के बीच जाने पर बाहर से आने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और दिल्ली में बड़े वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. राय ने कहा कि अगर एक्यूआई 450 से ऊपर जाता है तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे.

निर्माण स्थलों को करना होगा पालन

दिल्ली में आज से 6 नवंबर तक धूल विरोधी अभियान चलाया जाएगा. सभी निर्माण स्थलों के लिए सभी 14 धूल-विरोधी मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. 

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