Pakistan News: पाकिस्तान ने कॉलेजों में होली खेलने पर लगाया प्रतिबंध, वजह कर देगी हैरान
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1747825

Pakistan News: पाकिस्तान ने कॉलेजों में होली खेलने पर लगाया प्रतिबंध, वजह कर देगी हैरान

Pakistan News: पाकिस्तान से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, दरअसल एजुकेशन कमीशन ने यहां होली के त्योहार को मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसके पीछे एक बेतुकी वजह बताई है.

Pakistan News: पाकिस्तान ने कॉलेजों में होली खेलने पर लगाया प्रतिबंध, वजह कर देगी हैरान

Pakistan News: पाकिस्तान की हायर एजुकेशन कमीशन ने यूनिवर्सिटीज में होले खेलने पर रोक लगा दी है. कमीशन का कहना है कि हाल ही में एक संघीय राजधानी विश्वविद्यालय में होली समारोह "ओवरबोर्ड" हो गया और देश की धार्मिक पहचान के लिए "चुनौती" बन गया.

कमीशन ने क्या कहा?

इस्लामाबाद में एचईसी में कार्यकारी निदेशक, डॉ. शाइस्ता सोहेल ने कहा: "यह देखा गया था कि कायद-ए-आज़म विश्वविद्यालय (क्यूएयू) इस्लामाबाद में होली समारोह की हालिया घटना ने चुनौती दी थी. एक इस्लामिक राज्य के रूप में देश की पहचान और इसके सामाजिक मूल्य, व्यापक रूप से प्रचारित और रिपोर्ट किए जाने के कारण विवादास्पद हो रहे हैं, ये देश की छवि पर एक नाकारात्मक प्रभाव डाल रहा है.

एचईसी ने जारी किए गए बयान में कहा है?

"दुर्भाग्य से, ऐसी गतिविधियों को देखना दुखद है जो हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूर्ण अलगाव और देश की इस्लामी पहचान से डिसकनेक्शन को दर्शाती हैं. ऐसा एक उदाहरण जिसने चिंता पैदा की है, वह हिंदू त्योहार होली का खेला जाना. एक विश्वविद्यालय के मंच से हुई घटना ने चिंता पैदा की और देश की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डाला."

एचईसी ने आगे कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि एचईआई देश की पहचान और सामाजिक मूल्यों के साथ स्पष्ट रूप से असंगत ऐसी सभी गतिविधियों से विवेकपूर्ण तरीके से खुद को दूर कर सकता है."

लोगों का क्या कहना है?

इस मामले को लेकर ताहिरा अब्दु्ल्लाह जो एक राइट एक्टिविस्ट हैं वह कहती हैं- "सांस्कृतिक उत्सवों की अनुमति तब तक दी जानी चाहिए जब तक वे सम्मान और समझ के साथ आयोजित किए जाएं. होली का उत्सव एक रंगीन सांस्कृतिक कार्यक्रम है. इसे उत्साह के साथ मनाने में कोई बुराई नहीं है. इस तरह के आयोजन न केवल सांस्कृतिक स्वीकार्यता पैदा करते हैं बल्कि धार्मिक सम्मान भी पैदा करते हैं." 

कमीशन के इस फैसले का काफी विरोध हो रहा है. कुछ लोग इसे सही बता रहे हैं. वहीं कुछ लोग इसकी मजम्मत करते दिख रहे हैं. लोगों का कहना है कि दूसरे धर्म की धार्मिक भावनाओं का ख्याल करने में कोई समस्या नहीं है. कई बड़े इस्लामिक मुल्क ऐसा कर रहे हैं.

Trending news