Edible Stuff Museum in Silchar Assam: असम के सिलच जिले में युवा कांग्रेस ने सरकार का महंगाई और बेराजेगारी की तरफ ध्यान खींचने के लिए रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली चीजों का म्यूजियम बना दिया है, जहां बड़ी तादात में लोग इसे देखने आ रहे हैं.
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गुवाहाटी / सरीफुद्दीन अहमद: कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी राजनीतिक पार्टियां लगातार भाजपा सरकार पर इस बात को लेकर हमलावर रहती है कि सरकार ने पिछले आठ सालों में महंगाई और बेराजगारी को लेकर कोई काम नहीं किया है. इस वक्त पूरे मुल्क में बेरोजगारी और महंगाई अपनी चरम सीमा पर है. लोगों के पास न तो रोजगार हैं और न रोजाना के इस्तेमाल की चीचों को खरीदना अब उनके बस में रह गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगभग दो माह से ’भारत जोड़ो यात्रा’ निकालकर केंद्र सरकार की अवाम मुखालिफ पॉलिसियों के खिलाफ सड़क पर हैं. वहीं असम के युवा कांग्रेस के नेताओं ने भी राहुल गांधी के नक्शे-कदम पर चलते हुए महंगाई और बेराजगारी की मुखालफत करने का एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है, जो बरबस लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है.
सरकार से महंगाई को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग
आसाम के सिलचर कछार जिले के इंदिरा भवन में युवा कांग्रेस ने बढ़ती कीमतों की वजह से रोजमर्रा के जरूरी सामानों का एक म्यूजियम बना दिया है. इस म्यूजियम में आटा, दाल, प्याज, नमक, टमाटर और दीगर जरूरी सामानों को रखा गया है, जो रोजमर्रा के इस्तेमाल में आते हैं. इस म्यूजियम में लोग जा रहे हैं और इन सामानों को ऐसे निहार रहे हैं, मोनों यहां कोई नायाब या एंटिक चीजों का कलेक्शन रखा गया है. युवा कांग्रेस का कहना है कि यह म्यूजियम उन्होंने इसलिए बनाया है ताकि सरकार का ध्यान इस तरफ जाए और सरकार महंगाई को काबू में करने के लिए कदम उठाए.
मंदिर-मस्जिद की सियासत महंगाई और बेराजेगारी के मुद्दे दरकिनार
इस मामले में म्यूजियम बनाने वाले युवा कांग्रेस के नेता दीपांकर देवनाथ ने कहा, ’’मुल्क में महंगाई और बेराजेगारी इस वक्त अपनी चरम सीमा पर है. गरीब आदमी खाने-पीने की जरूरी चीजे भी नहीं खरीद पा रहा है. लोगों के पास रोजगार नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ केंद्र से लेकर असम तक भाजपा की सरकार जात-पात, धर्म, मंदिर और मस्जिद के नाम पर लोगों को बांटने, उन्हें गुमराह करने और एक दूसरे से लड़ाने में भिड़ी हुई है.’’ दीपांकर ने कहा कि हम लोगों से इस बात की अपील कर रहे हैं कि वह राजनीति, जाति-पात और धर्म से उपर उठकर महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में आगे आएं और सरकार से इस दिशा में काम करने के लिए उनसे मांग करें.
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