श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है जबकि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित किया गया है.
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि 30 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को इस त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया.
पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात की गई है.
बीएसएफ की एयर विंग के एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर को सेवा में लगाया गया है. जमू-कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं.
शनिवार सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू हुआ और सेना के हेलीकॉप्टरों से छह तीर्थयात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.
दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, ’’16 शवों को बालटाल ले जाया गया है.
25 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है.
शुक्रवार दोपहर में तंबू और सामुदायिक रसोई में बाढ़ का पानी भरने और भूस्खलन की घटना के बाद लापता लोगों की तलाश जारी रही है.
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