इजरायल में यहूदी-मुस्लिमों के बीच जहर बो रहे हैं नेतन्याहू; विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
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इजरायल में यहूदी-मुस्लिमों के बीच जहर बो रहे हैं नेतन्याहू; विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

Thousands of Israelis protest new government's policies: इजराइल में धुर दक्षिणपंथी और धार्मिक रूढ़िवादी सरकार के शपथ ग्रहण के चंद दिनों बाद ही देश का माहौल बिगड़ने लगा है. सरकार की नई नीतियों के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और लोकतंत्र को बचाने की अपील कर रहे हैं. 

इजरायल में यहूदी-मुस्लिमों के बीच जहर बो रहे हैं नेतन्याहू; विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

तेल अवीवः इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पद संभालते ही देश की जनता उनके खिलाफ खड़ी नजर आ रही है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली इजराइल की नई सरकार के गठन के बाद ही सरकार की नीतियों के खिलाफ हजारों लोग शनिवार को सड़कों पर उतर आए. विरोधियों का कहना है कि सरकार की नीतियां लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रही हैं. 
इजराइल के पिछले 74 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि धुर दक्षिणपंथी और धार्मिक रूढ़िवादी सरकार के शपथ ग्रहण के चंद दिनों बाद प्रदर्शनकारी मध्य शहर तेल अवीव में जमा होकर सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी अपने हाथों में तख्ती थाम रखी थी, जिन पर लिखा था, ‘नई सरकार हमारे खिलाफ है.’ नई सरकार अवाम के आवास, आजीविका, और आशाओं के खिलाफ है.’’ 

देश की सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करना है सरकार का मकसद 
गौरतलब है कि इजरायल में ये प्रदर्शन वाम धड़े और इजराइल की संसद नेसेट के अरब सदस्यों ने किया था. उन्होंने इल्जाम लगाया है कि नई कैबिनेट के प्रस्तावित कदम न्याय तंत्र में अड़चन डालेंगे और इससे जनता के बीच की सामाजिक दूरियां बढ़ेगी. वाम धड़े के प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री यारिव लेविन की आलोचना की है, जिन्होंने बुधवार को न्यायिक प्रणाली में सुधार से संबंधित सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए एक खाका पेश किया था. प्रदर्शनकारियों ने इल्जाज लगाया है कि इस कदम का मकसद देश की सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करना है. आलोचकों ने सरकार पर न्याय प्रणाली के खिलाफ जंग छेड़ने का इल्जाम लगाते हुए कहा कि इससे सरकार को असीमित शक्तियां मिल जाएंगी जिससे देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर पड़ जाएंगी. 

हमारा मुल्क लोकतंत्र को खो देगा 
एक प्रदर्शनकारी डैनी सिमोन (77) ने कहा, ‘‘हमें वाकई में डर है कि हमारा मुल्क लोकतंत्र को खो देगा और हम सिर्फ एक शख्स की वजह से तानाशाही की तरफ जा रहे हैं, जो अपने खिलाफ चलाए जा रहे मुकदमों से छुटकारा पाना चाहता है.’’ सिमोन का इशारा प्रधानमंत्री नेतन्याहू की तरफ था, जिन पर 2021 में भ्रष्टाचार के कई गंभीर इल्जाम लगाए गए थे. हालांकि, उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया है.

यहूदी-अरब निवासियों के बीच सह-अस्तित्व की अपील
प्रदर्शनकारियों ने इजरायल के यहूदी और अरब निवासियों के बीच शांति और सह-अस्तित्व का भी अपील की है. अरब और यहूदी नागरिकों के जमीनी आंदोलन ‘स्टैंडिंग टुगेदर’ के रुला दाउद ने कहा, ‘‘हम अभी देख सकते हैं कि एलजीबीटीक्यू के खिलाफ, फिलिस्तीनियों के खिलाफ, इजराइल में प्रमुख अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कई कानूनों की वकालत की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां जोर-शोर से यह कहने के लिए जुटे हैं कि इजराइल में अरब और यहूदी नागरिकों सहित विभिन्न समुदायों के लोग शांति, समानता और न्याय की चाह रखते हैं.’’ 

Zee Salaam

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