पीएम मोदी ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर विपक्षी पार्टियां कानून पर बहस करतीं तो हमारे किसान भाई-बहनों के मन में कोई गलतफहमी न होती.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कृषि कानूनों पर खुलकर बात की. पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि कानूनों के कंटेंट पर चर्चा करने की बजाए हमारी अपोज़ीशन पार्टियों ने कृषि कानूनों के रंग पर चर्चा की.
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पीएम मोदी ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर विपक्षी पार्टियां कानून पर बहस करतीं तो हमारे किसान भाई-बहनों के मन में कोई गलतफहमी न होती. पीएम मोदी की इस बात के बाद विपक्ष ने जोर दार हंगामा कर दिया. जिसके बाद पीएम चुप होकर थोड़ी देर के लिए बैठ गए.
पीएम मोदी ने कहा कि कानून लागू होने के बाद MSP खत्म नहीं हुई. पीएम ने कहा कि मैं हैरान हूं कि पहली बार सदन में ऐसी दलील दी कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों. पीएम मोदी तीन तलाक कानून का हवाला देते हुए कहा,"दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए जरूरी होने की वजह से कानून बनाया गया.
पीएम मोदी ने कहा कि मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है. हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है. हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं. खेती के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है। यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है.
पीएम ने लोक सभा में एक भोजपुरी कहावत का जिक्र किया और कांग्रेस पर तंज कसा. उन्होंने कहा एक कहावत है, 'न खेलब, न खेले देब, खेलिए बिगाड़ब'. पीएम मोदी ने किसान आंदोनल को पवित्र बताते हुए कहा कि कुछ आंदोलनजीवी हैं जो इस आंदोलन को बरबाद कर रहे हैं.
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