UP Assembly Elections 2022: लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटर करीब 20 फीसदी के आसपास है.
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लखनऊ\ अनुज मिश्रा: यूपी विधानसभा चुनाव के मद्दनेज़र करीब तमाम पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. सियासी पार्टियों की तरफ से वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिए नए नए हथकंडे अपनाए जा रहे है. ऐसे में यूपी में मुस्लिम वोट बैंक पर कब्जा को लेकर भी इस समय सियासत अपने उरुज पर है. मुस्लिम वोट बैंक को लेकर कांग्रेस और सपा घमासान शुरू है. जहां एक तरफ कांग्रेस ने सपा पर इलज़ाम लगाया है कि हुकूमत तक पहुंचने के लिए सपा ने सिर्फ मुस्लिमों का इस्तेमाल किया. कांग्रेस ने सपा पर ये भी इलज़ाम लगाया है कि जो पार्टी आज़म खान की न हो सकी वो मुसलमानों का क्या भला कर सकती है.
उत्तर प्रदेश में अगले साल यानि 2022 में विधान साभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में हुकमरां जमात जहां हुकूमत पर फिर से काबिज होने के लिए अपोज़िशन के जाति समिकण बिगाड़ने के लिए हर समभव कोशिश कर रही है. वहीं, अपोज़िशन भी इस बार अपने पूरे दम खम के साथ मुकाबला करने के लिए हर मुमकिन कोशश करती हुई नज़र आ रही है.
सपा और कांग्रेस के दर्मियान घमासान
ऐसे में तमाम जाति समीकरण के साथ साथ मुस्लिम वोट को लेकर सियासत गरम होती जा रही है. यूपी में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटों को लेकर सपा और कांग्रेस आमने सामने है. दोनों ही पार्टियां या चाहती है कि मुस्लीम उनके पक्ष में वोटिंग करें और इसी वजह से कांग्रेस का सपा पर आरोप है कि पिछले कई सालों से यूपी का मुसलमान समाजवादी पार्टी पर भरोसा करता आ रहा है लेकिन सत्ता में आने के बाद सपा सिर्फ एक खास जाति को फायदा पहुंचाती है. कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस इसी मुद्दे को लेकर अब मुस्लिम समाज के बीच जा रही है और मुस्लिम समाज के लोगों को समझा रही है कि मुसलमानों का भला सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है और कांग्रेस की हुकूमतों में ही मुसलमान महफूज़ हैं.
मुस्लिम वोट बैंक को लेकर मुतमइन नजर आ रही सपा
हालांकि मुस्लिम वोट बैंक को लेकर सपा पहले की तरह इस बार मुतमइन आश्वस्त नजर आ रही है. सपा को इस बात का भरोसा है कि मुसलमान वोटर उससे दूर नहीं जाएगा. यही वजह है कि जिला पंचायत सदर के चुनाव में सपा में मुस्लिम उम्मीदवारों पर जमकर भरोसा दिखाया है. सियासी जानकारों की माने तो विधानसभा चुनाव से पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार कर सपा ने ये मैसेज देने की कोशिश भी की है कि मुस्लिम समाज की रहनुमा सपा ही है.
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125 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटरों का जलवा
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी मुस्लिम वोट बैंक है जिसको लेकर सपा और कांग्रेस के साथ साथ बीएसपी की भी नजरें रहती हैं. लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटर करीब 20 फीसदी के आसपास है. उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से करीब 125 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां मुस्लिम वोट ही नतीजों में अहम भूमिका निभाते हैं. यही वजह है कि चुनाव नजदीक आते ही मुस्लिम वोट को अपने पाले में लाने के लिए सियासी दलों में होड़ सी मच जाती है.
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