संसद भवन परिसर में धरना, प्रदर्शन और हड़ताल पर लगी रोक; विपक्षी दल ने उठाए ये सवाल
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1258855

संसद भवन परिसर में धरना, प्रदर्शन और हड़ताल पर लगी रोक; विपक्षी दल ने उठाए ये सवाल

Sansad News: संसद के मानसून सत्र के पहले राज्यसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर परिसर में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय ने संसद सत्र के दौरान कुछ शब्दों के प्रयोग पर रोक लगा दिया था. 

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी उस नोटिफिकेशन पर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें कहा गया है कि संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं किया जा सकता. मानसून सत्र से पहले जारी इस बुलेटिन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है. 
गौरतलब है कि धरना, प्रदर्शन को लेकर यह बुलेटिन ऐसे वक्त में जारी किया गया है, जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों के संकलन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था.

विपक्षी दलों ने बुलेटिन को ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने संसद परिसर में धरना, हड़ताल और धार्मिक समारोहों की मनाही से जुड़े, राज्यसभा सचिवालय के एक बुलेटिन का विरोध करते हुए शुक्रवार को इल्जाम लगाया है कि सरकार ‘असंसदीय’ शब्दों की नयी सूची से संसदीय विमर्श पर बुलडोजर चलाने के बाद अब नया ‘तुगलकी फरमान’ लेकर आई है. कांग्रेस महासचिव एवं संसद के उच्च सदन में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने राज्यसभा के इस बुलेटिन को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘विषगुरू का ताजा प्रहार...धरना मना है. ’’ उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया.

राजद और शिवसेना ने भी उठाए सवाल 
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने इल्जाम लगाया, ‘‘असंसदीय शब्दों की नई सूची के माध्यम से संसदीय विमर्श पर बुलडोज़र चलाने के बाद अब नया तुगलकी फरमान आया है. आज़ादी के 75वें वर्ष में यह हो क्या रहा है ? पड़ोस के श्रीलंका से सीखिए हुजूर...जय हिंद.’’ शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बुलेटिन को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘‘क्या अब वे संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों को लेकर भी ऐसा करेंगे? आशा करती हूं कि यह पूछना असंसदीय प्रश्न नहीं है.’’ 

लोक सभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन पर दी सफाई 
संसद भवन परिसर में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल और इस तरह की अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने पर मचे राजनीतिक घमासान पर प्रतिक्रिया देते हुए लोक सभा सचिवालय ने इसे रूटीन प्रक्रिया करार दिया है. लोक सभा सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, इस तरह का आदेश सामान्य प्रक्रिया के तहत संसद के हर सत्र से पहले या कभी-कभी संसद सत्र के दौरान भी जारी किया जाता है.

लोकसभा सचिवालय ने इन शब्दों पर लगाया था प्रतिबंध 
उल्लेखनीय हे कि इससे एक दिन पहले ही, संसद में बहस के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय करार देते हुए उसके प्रयोग को प्रतिबंधित किया गया था, जिस पर विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की थी. विपक्ष ने कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब ’असंसदीय’ माने जाएंगे. लोकसभा सचिवालय ने ‘‘असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं.

ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in 
 

Trending news