चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले अनुसूचित जाति के वज़ीरे आला (CM) होंगे.
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चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में चल रहे लंबे सियासी ड्रामे के बाद आलाकमान ने सीएम के लिए चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नाम पर रविवार को मुहर लगा दी है. अब चरणजीत सिंह चन्नी आज सुबह 11 बजे पंजाब के 16वें वज़ीरे आला के तौर पर हलफ लेंगे. हलफ बर्दारी की ये तकरीब चंडीगढ़ में आयोजित की जा रही है.
वहीं, ये भी बताया जा रहा है कि पंजाब में उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को उप मुख्यमंत्री बनाया जाना तय है जबकि दूसरे डिप्टी सीएम का नाम अभी तक तय नहीं हुआ है. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक शपथग्रहण का समारोह बेहद छोटा होगा और इसमें 40 लोगों के शामिल होने की संभावना है.
कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी ?
चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के चरनजीत सिंह को करीब 12000 वोटों के अंतर से हराया था. इससे पहले 2012 के चुनावों में उन्होंने करीब 3600 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. चरणजीत सिंह चन्नी युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं और इस दौरान वे राहुल गांधी के करीब आए थे.
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चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब कांग्रेस में मुखर नेता रहे हैं. वे पंजाब में एक अहम दलित सिख चेहरा माने जाते हैं. भारत में सबसे अधिक दलित सिख पंजाब में हैं. इनकी संख्या लगभग 32% है. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, दलित सिख चेहरा होना उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम रहते उन्होंने सरकार की कमियों को लेकर कई बार आवाज उठाई है. नवजोत सिंह सिद्धु की तरह कैप्टन से इस्तीफे की मांग करने वाले विधायकों में वे शामिल रहे हैं. अब सबकी नजर उन पर है कि विधानसभा चुनावों से पहले वे कितने दमदार सीएम साबित होते हैं. चन्नी को गांधी परिवार का करीबी माना जाता रहा है.
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