नागपुर के प्यारे खान ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. प्यारे खान ने गुज़िश्ता एक हफ्ते में एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा की ऑक्सीजन कोरोना के मरीजों और अस्पतालों तक पहुंचाई है.
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नागपुर: नागपुर के बिजनेसमैन प्यारे खान के लिए रमजान के पाक महीने में 'जकात' (परमार्थ) का मकसद इस बार कोरोना वबा से मुत्तासिर इस शहर को ऑक्सीजन जुटाने में मदद करना हो गया है. ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाने वाले प्यारे खान ने अपने पैसे से शहर के लिए 20 ऑक्सीजन टैंकरों का इंतजाम किया है. फिलहाल नागपुर इस जान बचाने वाली गैस की कमी से जूझ रहा है और प्यारे खान और उनकी टीम शहर में ऑक्सीजन की सप्लाई में अहम किरदार अदा कर रही है.
प्यारे खान ने पीटीआई -भाषा को बताया कि उन्होंने ऑक्सीजन और सिलेंडरों की खरीद पर एक करोड़ रूपये खर्च कर दिये हैं. उन्होंने कहा कि अखबारों के जरिए से उन्हें अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी के बारे में पता चला.
खान ने कहा, 'रमजान का पाक महीना शुरू हो गया था. हम इस दौरान जकात (परमार्थ हेतु चंदा) देते हैं, मैंने सोचा कि इस बार मस्जिद या मदरसे को देने के बजाय हमें ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए कुछ करना चाहिए,'
उन्होंने बताया कि पहले हमने बेंगलुरु में ऑक्सीजन फराहम करने वालों से राब्ता किया और आम भाव से दोगुणा-तीगुणा की अदायगी करके दो ऑक्सीजन टैंकरों का इंतज़ाम किया. उन्होंने बताया कि नागपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें विशाखापत्तनम से ऑक्सीजन फराहमी का इंतजाम कराने में मदद की.
खान ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी के ड्राइवरों को इस मश्रिकी साहिली शहर से पांच टैंकर लाने भेजा. उन्होंने कहा, 'हम अब तक करीब 20-22 तरल ऑक्सीजन टैंकरों का इंतजाम कर चुके हैं और करीब एक करोड़ रूपये खर्च किये हैं.'
उन्होंने बताया कि सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में 116 ऑक्सीजन की खरीद के लिए 50 लाख रूपये दिये.
नागपुर के सांसद और मरकज़ी वज़ीर नितिन गडकरीने मंगलवार को कहा था कि खान और उनकी टीम अपनी पेशेवर सलाहियत से जिला प्रशासन को ऑक्सीजन की ढुलाई की निगरानी में मदद कर रही है.
(इनपुट- पीटीआई)
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