महुआ मोइत्रा के निष्काषन के बाद क्या रही विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
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महुआ मोइत्रा के निष्काषन के बाद क्या रही विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

एथिक्स कमेटी को लेकर उन्होंने कहा "एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है, यह आपके अंत की शुरुआत है." अब इस मुद्दे पर अलग-अलग विपक्षी नेताओं के बयान आने शुरु हो गए हैं, देखिए, किसने क्या कहा?

महुआ मोइत्रा के निष्काषन के बाद क्या रही विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया

Mahua Moitra: संसद की एथिक्स कमेटी ने कैश फ़ॉर क्वेरी के मामले में अपनी रिपोर्ट देते हुए TMC सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफ़ारिश की थी. कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा में शुक्रवार को वॉइस वोट से पास कर दिया गया और महुआ मोइत्रा को निष्काषित कर दिया गया. जिस पर पटलवार करते हुए महुआ ने कहा कि "अगर ऐसा कर के मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अदाणी मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का गलत प्रयोग किया है, जिससे साफ पता चलता है कि अदाणी आपके लिए कितने अहम है और आप एक महिला सांसद को रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे"

एथिक्स कमेटी को लेकर उन्होंने कहा "एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है, यह आपके अंत की शुरुआत है." अब इस मुद्दे पर अलग-अलग विपक्षी नेताओं के बयान आने शुरु हो गए हैं, देखिए, किसने क्या कहा?

निष्काषन पर विपक्षी नेताओं के बयान
महुआ मोइत्रा के निष्काषन पर अब विपक्षी नेताओं ने उनके पक्ष में बयान देना शुरु कर दिया है. अधीर रंजन चौधरी से लेकर महबूबा मुफ्ती तक किस नेता ने क्या कहा, पढ़िए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सदन में महुआ के समर्थन में अपना बयान देते हुए कहा कि ये कार्रवाई आधारहीन तथ्यों के आधार पर और बदले की भावना से या की गई है. इसके बाद कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने मीडिया से बात करते हुए कहा की महुआ मोइत्रा को अपराधी बताने के बाद एथिक्स कमेटी ने पूछताछ की मांग की. किसी को अपराधी बता देने के बाद  जांच की मांग कैसे कर सकते हैं? पहले जांच करनी चाहिए और फिर किसी को अपराधी कहना चाहिए और एथिक्स कमेटी को कानून की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए.

जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी की चीफ महबूबा मुफ़्ती ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए यह एक दुखद दिन है. महुआ मोइत्रा जैसे एक ज़हीन और तेज़ तर्रार सांसद को बेतरह परेशान किया गया, और प्रकियाओं का उल्लंघन करते हुए आखिरकार उन्हें निकाल दिया गया. सत्ता के सामने सच बोलने के लिए उन्होंने ये क़ीमत अदा की."

इसके बाद शिवसेना उद्धव ठाकरे की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिन्होंने आरोप लगाया वे खुद दुबई में बैठे हैं. इसके बाद महुआ मोइत्रा के समर्थन करते हुए प्रिंयका ने कहा कि वे उम्मीद करती कि आने वाले समय में महुआ मोइत्रा टीएमसीसे चुनाव लड़ेंगी और भारी बहुमत से जीतकर आएंगी. 

इतना ही नही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपना बयान देते हुए एक्स पर लिखा- "सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे. जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा. कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं.

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