Road Safety Week: लोगों को सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुक करने के लिए हर साल 11 जनवरी से 17 जनवरी तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है. इसका आयोजन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाता है. इस अभियान के तहत लोगों को सड़क पर चलने से लेकर गाड़ी चलाने तक के बारे में जानकारी दी जाती है. बात अगर इस अभियान के शुरुआत की करें तो इसकी शुरुआत साल 1989 में हुई थी.
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Road Safety Week 2024: 15 मार्च 2010 को सुंदर समिति की सिफारिश पर केंद्र ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति को मंजूरी दी थी. राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह पर लोगों को जागरुक करने के लिए सरकारें तरह-तरह के प्रोग्राम आयोजित करती रहती हैं, वहीं कई सारे NGO's भी सड़कों पर बोर्ड और पैंपलेट्स के जरिये लोगों को सड़क के नियमों से रूबरू कराते हैं.
ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा खतरनाक सीसीटीवी कैमरा:
ऐसे में मैं भी आपको उन छोटी-छोटी चीजों से रूबरू कराऊंगा, जिससे आप सड़क हादसों के साथ-साथ ट्रैफिक चालान से भी बच सकें. सबसे पहले बात उस छोटी सी चीज के बारे में जिससे आप सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त सबसे ज्यादा डरते हो. मैं बात कर रहा हूं सड़कों पर लगे ट्रैफिक सीसीटीवी कैमरों के बारें में जो बिना आपको कुछ किए आपका चालान काट देती है, और फिर आपको चुपचाप से चालान चुकाना पड़ता है. ट्रैफिक पुलिस से तो आप हाथ-पैर जोड़कर या कुछ पैसे देकर बच जाते हों, लेकिन ये सीसीटीवी किसी की नहीं सुनती, बस आप एक गलती करो और चालान आपके मोबाइल पर...
आपने कभी सोचा है कि आखिर ये सीसीटीवी इतनी आसानी से आपको और आपके गाड़ी को कैसे पहचान लेते हैं. कैसे वह आपके गाड़ी की स्पीड़ तक पता कर लेते हैं,तो आईये जानते हैं.
कैसे सीसीटीवी पता करते हैं गाड़ियों की स्पीड:
सड़कों पर लगे ट्रैफिक सीसीटीवी में काफी हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरों का इस्तेमाल होता है, जो आपके साथ-साथ आपके गाड़ी के नंबर को भी कैप्चर कर लेता है. इसके साथ ही ये कैमरे रडार सिस्टम पर based होते हैं. ये रडार कैमरा रेडियो वेव्स रिलीज करते हैं, जो लाइट की स्पीड से ट्रैवल करता है. इसलिए जब भी कोई गाड़ी इस कैमरे के पास से गुजरती है तो इस कैमरे से निकलने वाले रेडियो वेव उस गाड़ी से टकराकर उस सिस्टम तक आती है जो उस कैमरे से कनेक्टेड होता है. इस तरह से किसी भी गाड़ी का रियल टाइम स्पीड कैलकुलेट होता है.
क्या होता है ANPR सिस्टम?
आपको बता दें कि इन कैमरों में जिस रडार का इस्तेमाल किया जाता है. वह Modern Technology ANPR यानी Automatic Number Plate Recognition System के साथ आते हैं. जो किसी भी तेज रफ्तार गाड़ी का नंबर प्लेट आसानी से डेडेक्ट कर लेते हैं. इसलिए जहां आपने तय स्पीड से तेज गाड़ी चलाई, वहीं आपकी जेब से चालान का पैसा कटा. इसलिए देर से घर जाए, मगर तेज गाड़ी ना चलाए, जनहित में जारी...!