RSS चीफ के प्रमुख मोहन भागवत ने ज्ञानवापी मुद्दा, मस्जिदों में शिवलिंग के मिलने और मंदिर आंदोलन जैसे विषयों पर कई बातें कही हैं.
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नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन (RSS Chief Mohan Bhagwat) भागवत ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. भागवत ने कहा है कि भारत किसी एक पूजा और एक भाषा में विश्वास नहीं करता है क्योंकि हम सभी आम पूर्वज के वंशज हैं. आगे उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे हम बदल नहीं सकते. आज के हिंदू और मुसलमानों ने इसे नहीं बनाया है. हर मस्जिद में रोज शिवलिंग क्यों देखते हैं? झगड़ा क्यों? वह भी एक पूजा है जिसे उन्होंने अपनाया है.
सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा, ’क्या हम ’विश्वविजेता’ बनना चाहते हैं? नहीं हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है. हमें किसी को जीतना नहीं है. हमें सबको जोड़ना है. संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है जीतने के लिए नहीं.
#WATCH | "...We shouldn't bring out a new matter daily. Why should we escalate dispute? We have devotion towards #Gyanvapi and we are doing something as per that, it is alright. But why look for a Shivling in every masjid?..." says RSS chief as he speaks on Gyanvapi mosque issue. pic.twitter.com/eYLmaEEQY4
— ANI (@ANI) June 2, 2022
मिल बैठकर मामले को सुलझाने की नसीहत
भागवत ने कहा कि जब इस्लाम आक्रमणकारियों के जरिए भारत आया, तो भारत की स्वतंत्रता चाहने वाले लोगों को हतोत्साहित करने के लिए हजारों धर्मस्थलों को ध्वस्त कर दिया. हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते लेकिन उन्हें लगता है कि उन्हें पुनर्जीवित किया जाना चाहिए. अगर ऐसा कुछ है, तो मिलकर मामले को सुलझाएं. मोहन भागवत ने कहा, रास्ता कभी बाहर से नहीं आता. लोग अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं, और अगर ऐसा किया जाता है तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए. हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए निर्णयों का पालन करना चाहिए.
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