Sanjauli Mosque: संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम हुआ शुरू, पुलिस बल तैनात
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2481851

Sanjauli Mosque: संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम हुआ शुरू, पुलिस बल तैनात

Sanjauli Mosque: संजौली मस्जिद को तोड़ना शुरू कर दिया गया है. मस्जिद के ऊपरी फ्लोर को तोड़ने में कई हफ्ते लगने वाले हैं. पुलिस के आसपास पुलिस बल को तैनात किया गया है.

Sanjauli Mosque: संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम हुआ शुरू, पुलिस बल तैनात

Sanjauli Mosque: शिमला में संजौली मस्जिद के कुछ हिस्सों को गिराने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है. 5 अक्टूबर को शिमला नगर निगम कोर्ट ने अवैध निर्माण का हवाला देते हुए मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को गिराने का आदेश दिया था.

तोड़े जाएंगे संजौली मस्जिद के फ्लोर

अवैध तौर पर बने फ्लोर्स को गिराने की प्रक्रिया के दौरान कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा है कि मंजूरी मिलने के बाद ही मस्जिद की छत को तोड़ा जा रहा है. पूरे अवैध निर्माण को गिराने में दो से तीन महीने का समय लगेगा.

मस्जिद की छत हटाने का काम हुआ शुरू

उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि आपसी भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे. लतीफ ने बताया कि मस्जिद को गिराने की इजाजत सोमवार को दे दी गई थी और मस्जिद की छत हटाने का काम शुरू हो चुका है. अदालत ने संजौली मस्जिद समिति को अपने खर्च पर मस्जिद गिराने के लिए दो महीने का समय दिया है.

काफी दिनों से चल रहा था मस्जिद को लेकर विवाद

मस्जिद को लेकर विवाद पिछले कुछ सालों से चल रहा है. स्थानीय निवासियों ने इसे गिराने की मांग की थी और शिमला नगर निगम ने पहली बार 2011 में एक नोटिस जारी किया था. इन कार्रवाइयों के बावजूद, मस्जिद को 2018 तक बिना पर्याप्त मंज़ूरी के पांच मंज़िला इमारत में विस्तारित कर दिया गया.

दास्तावेज देने में नाकामयाबी

हाल ही में, संजौली मस्जिद समिति ने वक्फ बोर्ड से, जो भूमि पर स्वामित्व का दावा करता है, विध्वंस की कार्यवाही आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी थी. हालांकि बोर्ड ने पहले निर्माण को वैध बताया था, लेकिन वह इन दावों का समर्थन करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में नाकामयाब रहा.

इस मुद्दे पर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें हिमाचल प्रदेश में अन्य 'अवैध' मस्जिदों को गिराने की मांग की गई थी. यह मामला हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी पहुंचा, जहां ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मस्जिद को गिराए जाने का समर्थन किया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दोहराया कि राज्य सभी निवासियों का सम्मान करता है, चाहे उनका धर्म कोई भी हो.

Trending news