सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने भारत के जम्मू और कश्मीर की मुस्लिम आबादी के लिए अपना सपोर्ट देते हुए कहा कि सऊदी अरब मुस्लिम लोगों की इस्लामी पहचान बनाए रखने और उनकी गरिमा को बनाए रखने में उनके साथ खड़ा है.
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Saudi Arab on Jammu and Kashmir: सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने भारत के जम्मू और कश्मीर की मुस्लिम आबादी के लिए अपना सपोर्ट देते हुए कहा कि सऊदी अरब मुस्लिम लोगों की इस्लामी पहचान बनाए रखने और उनकी गरिमा को बनाए रखने में उनके साथ खड़ा है.
सऊदी अरब के मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान बिन अब्दुल्ला ने बुधवार को कॉन्टेक्ट ग्रुप ऑफ जम्मू और कश्मीर की एक मीटिंग में ये बातें कहीं. इस मीटिंग को इस्लामिक संगठन (OIC) ने होस्ट किया. सऊदी अरब ने जम्मू और कश्मीर के लोगों सहित इलाके में चल रही जद्दोजहद और अशांति की वजह से परेशान लोगों के लिए सपोर्ट को दोहराया. ये मीटिंग न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की मीटिंग से अलग थी.
मंत्री के मुताबिक "सऊदी अरब इस इलाके में किसी भी तरह की जद्दोजहद को रोकने के लिए मध्यस्थता के मामले में सभी ग्रुपों से बात कर रहा है और इंटरनेशनल कानूनों के मुताबिक इसका पुरअमन तरीके से हल हासिल करने के लिए काम कर रहा है."
आपको बता दें कि अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर पहाड़ी इलाका जम्मू व कश्मीर 1947 भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से अशांत है. दावा किया जाता है कि 1989 में, कश्मीरी अलगाववादियों ने पाकिस्तान के साथ मिलकर या भारत से कश्मीर की आजादी की मांग करते हुए सशस्त्र विद्रोह शुरू किया. इसके बाद नई दिल्ली ने जम्मू व कश्मीर में इन लोगों पर कार्रवाई की.
भारत सरकार इस बात पर जोर देती है कि कश्मीर में आतंकवादी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा हैं, जबकि पाकिस्तान इस इल्जाम से इनकार करता है. बंटवारे के बाद से कश्मीर पर विवाद की वजह से भारत और पाकिस्तान के दरमियान जंगें हुई हैं. इसमें कई नागरिक और सिक्योरिटी फोर्सेज मारे गए हैं.