झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने यादव (Lalu Yadav) को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से गबन करने के मामले में जमानत दे दी थी. इसी के साथ लालू प्रसाद यादव का जेल से बाहर आने का अंदाज़ा लगाया जा रहा था.
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रांची: चारा घोटाले के तीन कई मामलों में सजा पाने के बाद 23 दिसंबर, 2017 से जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और बिहार साबिक वज़ीर आला लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को सीबीआई की स्पेशल अदालत ने गुरुवार शाम अदालती हिरासत से रिहा करने का हुक्म जारी किया.
जमानत बांड और एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलके यहां केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्पेशल अदालत में जमा किये गये, जिसके बाद लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) की रिहाई का हुक्म दिया गया. ताहम लालू अभी भी दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में ज़ेरे इलाज हैं इसलिए अस्पताल से उनकी छुट्टी के बारे में अब एम्स प्रशासन को फैसला लेना है.
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झारखंड के कारागार इंस्पेक्टर जनरल वीरेन्द्र भूषण ने 'पीटीआई' को बताया कि स्पेशल सीबीआई अदालत के रिहाई के हुक्म के बाद आज लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) को शाम को अदालती हिरासत से रिहा कर दिया गया.उन्होंने बताया कि लालू की रिहाई के फरमान की कापी रांची के बिरसा मुंडा जेल के अफसरों ने आज नई दिल्ली के एम्स के डायरेक्टर और वहां के दिगर अफसरों को मेल कर दी और वहां मौजूद हिफाज़ती अफसरों को भी इसकी खबर दे दी गई.
लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) 23 दिसंबर, 2017 को देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की मालियत के गबन के इलज़ा में यहां सीबीआई की स्पेशल अदालत की जानिब कसूरवार ठहराये जाने के बाद से जेल में थे. चारा घोटाले के दिगर तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.
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गौतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने यादव (Lalu Yadav) को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से गबन करने के मामले में जमानत दे दी थी. इसी के साथ लालू प्रसाद यादव का जेल से बाहर आने का अंदाज़ा लगाया जा रहा था, क्योंकि चारा घोटाले से मुतअल्लिक दूसरे मामलों में यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी है.
(इनपुट-पीटाआई)
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