मां को इंसाफ दिलाने के लिए बेटियों ने खून से लिखी थी CM को चिट्ठी; हत्यारे पिता को उम्रकैद
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मां को इंसाफ दिलाने के लिए बेटियों ने खून से लिखी थी CM को चिट्ठी; हत्यारे पिता को उम्रकैद

Daughters Fight against Father: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की इस घटना में एक पति ने अपनी पत्नी को दो बेटियों के सामने इसलिए जिंदा जला दिया था कि उसने बेटा पैदा नहीं किया था. बाद में दो बेटियों ने कानूनी लड़ाई लड़की अपने पिता को उम्रकैद दिलाकर अपनी मां को इंसाफ दिलाने का वादा निभाया. 

अलामती तस्वीर

बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अपनी पत्नी को जिंदा जलाकर मारने के मुल्जिम एक शख्स को कसूरवार साबित होने के बाद यहां की एक अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. खास बात यह है कि इस मामले में आरोपी शख्स की बेटियों ने ही उसे अपनी मां के कत्ल के जुर्म में सलाखों के पीछे पहुंचाया है. वकील  संजय शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि नगर इलाके के कोठियात मोहल्ले के निवासी मनोज ने बेटा न होने जनने पर अपनी पत्नी अनु को जिंदा जलाकर उसकी हत्या कर दी थी. अनु की बेटियों-लतिका और तान्या ने अपनी मां को जिंदा जलते हुए देखा था.
दोनों बेटियों ने अपनी मां को इंसाफ दिलाने के लिए छह साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. बुधवार को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अनु के कत्ल के मामले में उसके पति को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने उस पर 20,000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. 

बेटा पैदा न होने से नाराज था पूरा ससुराल 
वकील संजय शर्मा के मुताबिक, मनोज की शादी साल 2000 में नगर इलाके की ही रहने वाली अनु के साथ हुई थी. शादी के लगभग एक साल बाद अनु ने बेटी लतिका को जन्म दिया. कुछ वर्ष बाद उसकी दूसरी बेटी तान्या पैदा हुई, लेकिन लगातार दो बेटियां होने के बाद अनु के पति और ससुरालवाले उससे नाराज रहने लगे.  लतिका और तान्या ने इल्जाम लगाया था कि बेटा पैदा न करने पर उनके पिता मनोज ने 14 जून 2016 को उन दोनों बहनों की आंखों के सामने उनकी मां को मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिया और वहां से फरार हो गया. अनु को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 20 जून को उसकी मौत हो गई. जिस वक्त यह घटना हुई थी, उस वक्त लतिका 15 और तान्या 11 साल की थी. 

अपनों से मिली धमकियों के बाद बेटियों ने नहीं बदला अपना रास्ता 
वकील संजय शर्मा के मुताबिक, मनोज के खिलाफ कोतवाली नगर में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. रिश्तेदारों ने उस वक्त दोनों बहनों को पहले तो प्यार से मुकदमा वापस लेने के लिए समझाया-बुझाया था और न मानने पर धमकी भी दी थी, लेकिन दोनों बहनों ने मां को इंसाफ दिलाने का रास्ता नहीं छोड़ा. उस वक्त लतिका ने अपनों से मिल रही धमकियों के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खून से चिट्ठी लिखकर न्याय और आर्थिक सहायता की गुहार लगाई थी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए लतिका और तान्या के साथ-साथ उनके मामा व नानी से मुलाकात की  थी और दोषियों को सजा दिलाने का भरोसा दिलाया था. बुधवार को मामले में फैसला सुनाते हुए अपर जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अनु के हत्यारे मनोज को दोषी करार देते हुए उसके लिए उम्रकैद और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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