पीठ ने कहा कि दंडात्मक कानून के तहत वैवाहिक बलात्कार (मैरिटल रेप) को कानून मान्यता नहीं देता, केवल यह कारण अदालत को तलाक देने के आधार के तौर पर इसे क्रूरता मानने से नहीं रोकता है.
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कोच्चिः केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि अपनी बीवी के जिस्म को शौहर के जरिए अपनी सम्पत्ति समझना और उसकी मर्जी के खिलाफ यौन संबंध बनाना वैवाहिक बलात्कार है. अदालत ने फैमिली कोर्ट के तलाक की मंजूरी देने के फैसले को चुनौती देने वाली एक शख्स की दो अपीलें खारिज करते हुए यह तंदकीद की है. न्यायमूर्ति ए. मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की बेंच ने कहा कि शादी और तलाक धर्मनिरपेक्ष कानून के तहत होने चाहिए और देश के विवाह कानून को फिर से बनाने का वक्त आ गया है. पीठ ने कहा कि दंडात्मक कानून के तहत वैवाहिक बलात्कार (मैरिटल रेप) को कानून मान्यता नहीं देता, केवल यह कारण अदालत को तलाक देने के आधार के तौर पर इसे क्रूरता मानने से नहीं रोकता है. इसलिए, हमारा विचार है कि वैवाहिक बलात्कार तलाक का दावा करने का ठोस आधार है.
His (husband's) licentious and profligate conduct cannot be considered as part of normal conjugal life. Therefore, we have no difficulty in holding that insatiable urge for wealth & sex of a spouse would also amount to cruelty," observed Kerala High Court today (1/2) pic.twitter.com/dxweCuxqfR
— ANI (@ANI) August 6, 2021
अदालत ने पति की अपील खारिज कर दी
अदालत ने क्रूरता की बुनियाद पर तलाक की याचिका स्वीकार करने वाले पारिवारिक न्यायालय के फैसले के खिलाफ पति की अपील खारिज कर दी. इसके अलावा अदालत ने पति के जरिए वैवाहिक अधिकारों की मांग करने वाली एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने अपने 30 जुलाई के आदेश में कहा कि पत्नी के शरीर को पति के जरिए अपनी संपत्ति समझना और उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना वैवाहिक बलात्कार है.
क्या है मामला
इस दंपत्ती की शादी 1995 में हुई थी और उनके दो बच्चे हैं. अदालत ने कहा कि पेशे से डॉक्टर पति ने शादी के समय अपनी पत्नी के पिता से सोने के 501 सिक्के, एक कार और एक फ्लैट लिया था. पारिवारिक न्यायालय ने पाया कि पति अपनी पत्नी के साथ पैसे कमाने की मशीन की तरह व्यवहार करता था और पत्नी ने विवाह की खातिर उत्पीड़न को सहन किया, लेकिन जब उत्पीड़न और क्रूरता बर्दाश्त से परे पहुंच गई तो उसने तलाक के लिए याचिका दायर करने का फैसला किया.
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