PAC official instructs jawans, Stop and salute seniors even while riding bikes: उत्तर प्रदेश में प्रान्तीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी के जवानों को आदेश जारी कर कहा गया है कि जब वह साइकिल, बाइक या किसी गाड़ी से जा रहे हों और रास्ते में उनका अफसर दिखे तो तुरंत रूककर उन्हें सलाम करें नहीं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. ये लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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सीतापुरः उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्रान्तीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) कर्मचारियों को प्रशासनिक भवनों और रिहायशी व गैर रिहायशी इलाकों में रुक कर अपने सीनियर अफसरों को सैल्यूट करना होगा. इस संबंध में बाजाब्ता उन्हें लिखित में नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस आशय का जारी एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. नोटिफिकेशन वायरल होने के बाद पीएसी के वरिष्ठ अफसरों ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि आखिर ये यह आंतरिक विभागीय आदेश सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो गया .
आदेश में क्या लिखा है ?
सीतापुर स्थित 27वीं वाहिनी पीएसी के सहायक सेनानायक श्रीप्रकाश दुबे के दस्तखत से जारी हुए इस आदेश में मातहत कर्मचारियों से कहा गया है, ’’प्रायः ऐसा देखने में आया है कि प्रशासनिक भवन और वाहिनी आवासीय/गैर आवासीय परिसर में साइकिल और मोटरसाइकिल से आवागमन के दौरान अपने आला अफसरों को रुक कर अभिवादन न करते हुए अपनी मंजिल की तरफ प्रस्थान कर जाते हैं, जो स्वेच्छाचारिता और अनुशासनहीनता का सबूत है.’’ आदेश में आगे कहा गया है, ’’अतः आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि प्रशासनिक भवन और वाहिनी आवासीय/गैर आवासीय परिसर में साइकिल या मोटरसाइकिल से आने-जाने के दौरान आला अफसरों को रुक कर अभिवादन न करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी. इसलिए तत्काल प्रभाव से आदेश का पालन करना/कराना सुनिश्चित करें.’’ ’इस आदेश पर सोमवार 19 दिसंबर की तारीख दर्ज है यानी 19 दिसंबर को इसे जारी किया गया है.
आदेश नहीं इसका वायरल हो जाना गलत हैः अफसर
इस बारे में पूछे जाने पर 27वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक मणिराम सिंह ने मंगलवार को कहा, ’’ हमें इस पत्र में कुछ भी गलत नहीं नजर आ रहा है. यह आदेश अनुशासनहीनता को रोकने के लिए जारी किया गया है, और आदेश देने वाले अफसर की इसमें कोई गलत मंशा नजर नहीं आ रही है.’’ उन्होंने कहा कि ऐसे आदेश समय-समय पर जारी किए जाते हैं, ताकि पुलिस विभाग में अनुशासन बना रहे, लेकिन यह पत्र सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो गया, इसकी जांच कराई जाएगी.
गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1940 में आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए यूपी मिलिट्री पुलिस की 13 कंपनियों का गठन किया गया था. उसके बाद सितंबर 1947 में 86 और कंपनियां बनाई गई थीं.
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