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Uttarakhand: उत्तराखंड में 6 सालों के बाद बंदरों और लंगूरों का आंकलन किया गया है. हाल ही में वन विभाग के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट (Wild Life Department) ने इनके आंकड़े भी जारी किये हैं. विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में डेढ़ लाख के आसपास बंदर और लंगूर हैं. जिसमें से 1 लाख 10 हजार से अधिक बंदर और 37,735 लंगूर हैं. बंदरों की सबसे ज्यादा संख्या हरिद्वार में हैं और वन विभाग ने अपने सर्वे में हरिद्वार में 6,857 बंदर होने की संभावना जताई है.
रिपोर्ट की बात करें तो रामनगर स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbet National Park)में इनकी संख्या 3219 के आसपास सार्वजनिक की गयी है. यही नहीं, पिथौरागढ़ फॉरेस्ट डिवीजन के धारचूला, अस्कोट और मुनस्यारी रेंज में काला बंदर भी पाया गया.
सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने बताये अपने दिलचस्प किस्से
इन आंकड़ों के सार्वजनिक होने के बाद से सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने अपनी आप बीती बताई. किसी ने बताया कि किस तरह उत्तराखंड की पुलिस भी बंदरों से डरती है, तो किसी यूज़र्स ने बताया कि किस तरह उनके पीछे बंदरों का झुंड पड़ गया था और बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपनी जान बचाई थी.
अरे!!! एक किस्सा मेरे साथ भी हुआ था मैं डर गई थी और फिर मैंने पुलिस पुलिस चिलाया तो एक चाय वाला भैया कहता है मैडम पुलिस नहीं आएगी रक्षा करने को, बन्दरों से तो यहाँ की पुलिस भी डरती है.
बंदरों के डर से लोग नहीं रखते बटुए
सभी किस्सों में एक बड़ा दिलचस्प किस्सा एक यूज़र्स ने शेयर किया किया कि किस तरह उनके पिता के बटुए पे एक बन्दर अपनी नज़र रखे बैठा था और बटुए के चलते कई मशक्कत भी करनी पड़ी थी. इस किस्से के बाद शुरू हुई चार धाम यात्रा को लेकर यूज़र्स ने सलाह देते हुए कहा Gpay/ Paytm इस्तेमाल करें या न करें लेकिन अपने बटुए को कुछ ऐसी तरह छुपा ले जहां बन्दर की नज़र और हाथ न जा पाए.
आपको बता दें कि उत्तराखंड में बंदरों और लंगूरों का आतंक सिर्फ टूरिस्ट तक सीमित नहीं है बल्कि ये खेती किसानी के लिए भी एक बड़ी समस्या हमेशा से रहे है. उत्तराखंड के गांवों से अब तक जो बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है, उसके पीछे बंदरों का आतंक भी एक बड़ी वजह बताया जाता है. बंदरों के झुंड के झुंड खेतों में पहुंचकर फसलों को तहस नहस कर देते हैं. इसके अलावा अल्मोड़ा, ऋषिकेश, मसूरी जैसे टूरिस्ट प्लेस पर बंदरों का आतंक एक बड़ी समस्या रहा है.
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