क्या है उत्तर प्रदेश का जनसंख्या विधेयक 2021? समझिए आसान ज़बान में
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क्या है उत्तर प्रदेश का जनसंख्या विधेयक 2021? समझिए आसान ज़बान में

UP Population Control Draft: यूपी जनसंख्या विधेयक में, 2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों के लिए दर्खास्त जमा से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लगाने सिफारिश की गई है.

क्या है उत्तर प्रदेश का जनसंख्या विधेयक 2021? समझिए आसान ज़बान में

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्य विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इसे जल्द ही हतमी शक्ल दे कर रियासती हुकूमत को सौंप दिया जाएगा. इस ड्राफ्ट में यूपी में आबादी को काबू में करने के लिए कानूनी उपायों के रास्ते तजवीज़ किए गए हैं.

आखिर क्या है यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 और आबादी को कंट्रोल करने के लिए किन तरीकों को अपनाने के बारे में कहा गया है, आइए इसे आसान जुबान में समझते हैं.

क्या है यूपी जनसंख्या विधेयक 2021
यूपी जनसंख्या विधेयक में, 2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों के लिए दर्खास्त जमा से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लगाने सिफारिश की गई है. अगर ये विधेयक लागू हुआ तो दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और प्रमोशन का मौका नहीं मिलेगा. इसके अलावा 77 सरकारी योजनाओं व ग्रांट से भी महरूम रखने का प्रोविजन है.

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2 से अधिक बच्चे होने पर ये है प्रवाधान
अगर ये विधेयक लागू हुआ तो एक साल के अंदर सभी सरकारी अफसरों, कर्मचारियों और स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को हलफ नामा देना होगा कि वह इस विधेयक की खिलाफवर्ज़ी नहीं करेंगे. मज़ीद ये कि कानून लागू होते वक्त उनके दो ही बच्चे हैं और हलफ नामा देने के बाद अगर वह तीसरी औलाद पैदा करते हैं तो अवामी नुमाइंदे का निर्वाचन रद्द करने व चुनाव ना लड़ने देने का प्रोविजन है.

नसबंदी करवाने पर इंक्रीमेंट, प्रमोशन समेत मिलेंगे कई फायेदे
अगर परिवार के सरपर्सत सरकारी नौकरी में हैं और नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें इज़ाफ़ी इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सहुलियाद देने की सिफारिश की गई है.

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दो बच्चों वाले जोड़े अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व दूसरे सुविधाएं देने का प्रस्ताव है. 

एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले अभिभावकों को संतान के 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है.
इस कानून में सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन तथा बर्खास्त करने तक की सिफारिश है.

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