बेड न मिलने पर ऑटो में पति को मुंह से सांस देती रही पत्नी, फिर भी नहीं बचाई जा सकी जान
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बेड न मिलने पर ऑटो में पति को मुंह से सांस देती रही पत्नी, फिर भी नहीं बचाई जा सकी जान

उसके पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसे बचाने की जुगत में रेणू ने उसे अपने मुंह से भी सांस देने की कोशिश की. रेणू को एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो पाई.

बेड न मिलने पर ऑटो में पति को मुंह से सांस देती रही पत्नी, फिर भी नहीं बचाई जा सकी जान

आगरा: सांस लेने में तकलीफ से जूझ रहे अपने पति को लेकर तीन-चार अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद रेणू सिंघल एक ऑटो रिक्शा से एक सरकारी अस्पताल पहुंची और उन्होंने अपने पति को मुंह से भी सांस देने की कोशिश की लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. यह घटना शुक्रवार की बताई जा रही है. 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शहर के आवास विकास सेक्टर सात की रहने वाली रेणू सिंघल अपने पति रवि सिंघल (47) को सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) एंड हॉस्पिटल लेकर आयी. उसके पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसे बचाने की जुगत में रेणू ने उसे अपने मुंह से भी सांस देने की कोशिश की. रेणू को एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो पाई. एसएनएमसी के डॉक्टरों ने रवि को मृत घोषित कर दिया.

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इससे पहले तीन-चार निजी अस्पतालों ने रेणू के पति को भर्ती करने से इनकार कर दिया. अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार करने की घटनाएं शहर में आम हो गई है. आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी पांडे ने कहा कि जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी है. उन्होंने कहा,"हम उपलब्धता के अनुसार व्यवस्था कर रहे हैं."

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बहरहाल उन्होंने दावा किया कि आगरा के अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध हैं. कई लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें एक बिस्तर की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते हुए घंटों तक इंतजार करने के लिए मजबूर किया गया.

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