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2020 की वो तस्वीरें जो छा गईं दिलों पर और बना गईं इतिहास, आप भी देखिए

नई दिल्ली: हर साल की तरह यह साल भी खुशियां लेकर आया, लेकिन कुछ ही महीनों में लोगों ने वो देखा जो शायद उन्होंने जिंदगी में सोचा नहीं था. चीन से निकले कोरोना ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया. संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में पूरे देश में लॉकडाउन लग गया. प्रवासी मजदूरों को कमाने-खाने का संकट आया तो वह अपने घरों के लिए पैदल ही निकल लिए. किसी ने रास्ते में दम तोड़ा तो कोई घर पहुंचकर भी अपनों से दूर रहा. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से प्रवासी मजदूर जब बरेली पहुंचे तो उनको सड़क पर बैठाकर कैमिकल की बारिश की गई. आगरा की उस तस्वीर पर भी लोगों की नजर गई जिसमें एक मां बच्चे को शूटकेस पर बैठाकर घर ले जा रही थी. वहीं उत्तराखंड में दो दिन के नवजात को मिट्टी में गाड़ने वाली मार्मिक फोटो भी दिखी तो मध्यप्रदेश में बदली सियासत भी इस साल देखने को मिली. हम यहां कुछ ऐसी तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं जो देश के दिल से देवभूमि तक लोगों के दिलों-दिमाग पर छा गईं और इतिहास बना गईं.

पीएम मोदी का रामलला के सामने साष्टांग दंडवत प्रणाम

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पीएम मोदी का रामलला के सामने साष्टांग दंडवत प्रणाम

5 अगस्त 2020 की तारीख इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गई. 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद रामलला के टेंट से मंदिर में पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हुआ. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम की नगरी पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में बजरंगबली के दर्शन किए. फिर रामलला को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया. इसके बाद पूजा-अर्चना की. पीएम मोदी की यह तस्वीर राम भक्तों को दिलों में बस गई.

इटली के नर्सों ने मास्क उतारा दो देखने लायक था चेहरा

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इटली के नर्सों ने मास्क उतारा दो देखने लायक था चेहरा

चीन के बाद इटली दुनिया का वह देश बना, जहां पर कोरोना वायरस ने हाहाकार मचाया. मार्च में यहां पर अस्‍पतालों में भीड़ लग गई.  अस्‍पतालों में काम करने वाली नर्सों के चेहरे पर फेस मास्‍क की वजह से निशान तक पड़ गए. इटली के अस्‍पतालों में काम करने वाली नर्सों ने मास्‍क की वजह से चेहरे पर आए निशान की फोटोग्राफ शेयर कीं. इन फोटो के साथ ही उन्‍होंने दुनिया को बताया है कि कैसे अब उन्‍हें थकान महसूस होने लगी है. इन तस्वीरों ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था. लेकिन देश-दुनिया में कोरोना वॉरियर्स के जज्बे हर किसी ने सराहा भी.

शहीन बाग की दादी

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शहीन बाग की दादी

दिल्ली के शाहीन बाग में CAA-NRC के विरोध में करीब तीन महीने प्रदर्शन हुआ. इसमें 'शाहीन बाग की दादी' शामिल हुई थी. दुनिया भर में दादी ने नाम कमाया था. शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आईं दादियों में से एक बिल्किस दादी का दुनिया में डंका बजा है. दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मैग्जीन में से एक टाइम ने साल 2020 के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची जारी की है. मैग्जीन ने 82 साल की बिल्किस दादी को 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में जगह दी.

उत्तराखंड में दो दिन के नवजात को गाड़ दिया मिट्टी में

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उत्तराखंड में दो दिन के नवजात को गाड़ दिया मिट्टी में

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली यह तस्वीर चटिया फार्म ग्रामीण इलाके के एक खेत की है. जहां दो दिन के नवजात को अज्ञात लोगों ने जिंदा गाड़ दिया था. कुंडल सिंह भंडारी जब सुबह अपने खेत पर काम करने गया तो उसे रोते हुए बच्चे की आवाज सुनाई. वह भागता-भागता वहां पहुंचा तो उसके होश उड़ गए. नवजात को मिट्टी में आधा गाड़ दिया गया था. बच्चे का शरीर नीला पड़ गया था, लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं. बाद में दो दिन के नवजात को डॉक्टरों ने बचा लिया.

अमेरिका में अश्वेत की गर्दन पर पुलिस पैर

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अमेरिका में अश्वेत की गर्दन पर पुलिस पैर

25 मई 2020 को अमेरिका की मिनियापोलिस पुलिस ने जॉर्ज फ्लॉयड को नकली नोट चलाने के आरोप में हिरासत में लिया था. एक पुलिसकर्मी ने जॉर्ज की गर्दन पर लगभग आठ मिनट के लिए अपना घुटना रखा था जिसके बाद जॉर्ज को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी. पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई. बाद में यह वीडियो पूरे अमेरिका में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए. बाद में इस आंदोलन ने श्वेत-अश्वेत की लड़ाई बन गया था.

हाथरस कांड

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हाथरस कांड

हाथरस में गांव के ही चार लड़कों पर 19 साल की एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप (Hathras Gangrape Case) का मामला आया. खबरों में था कि रेप के बाद उसकी जीभ भी काट दी गई थी. पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. वहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया जहां उसने अंतिम सांस ली. हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव गांव पहुंचा. परिवारवाले रात में अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन इसपर अड़े थे. पुलिस ने रात के अंधेरे में पीड़िता का शव जला दिया. इस तस्वीर ने पूरे देश में बवाल मचा दिया. लोग जगह-जगह प्रदर्शन करने लगे और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग भी उठी.

कोरोना संकट: बसें-ट्रेनें बंद, सूटकेस पर सवारी

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कोरोना संकट: बसें-ट्रेनें बंद, सूटकेस पर सवारी

कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया था. यातायात के सारे साधन बंद हो गए थे. ऐसे में लोगों का शहरों से गांव की ओर पलायन जारी था. लोग अपने-अपने गांवों के लिए पैदल ही निकले थे. ऐसे में आगरा के हाइवे पर यह तस्वीर सामने आई. इस तस्वीर में एक मां अपने बच्चे के साथ पैदल चलती है. बच्चा थक जाता है तो मां उसे सूटकेस पर चढ़ाकर घसीटती है. यह तस्वीर जिसने भी देखी उसकी आंखें नम थीं.

बरेली में मजदूरों पर कैमिकल की बारिश

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बरेली में मजदूरों पर कैमिकल की बारिश

बरेली में दिल्ली, नोएडा, हरियाणा और देश भर से आ रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती इस तस्वीर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी. दरअसल, बरेली में सड़क पर बैठा कर ट्रैफिक पुलिस और फायर विभाग के स्टाफ ने लोगों पर केमिकल की बारिश कर दी थी. सैटेलाइट बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में बैठे सैकड़ो लोगों पर सोडियम हाइपोक्लोराइड की बारिश की गई थी. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे. प्रशासन का तर्क था कि इससे कोरोना फैलाव नहीं होगा.

बिकरू हत्याकांड

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बिकरू हत्याकांड

2 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस हत्याकांड में एक सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. घटना को अंजाम देकर मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार हो गया. पुलिस ने उसके सारे गुर्गों को मौत के घाट उतार दिया था. वारदात के ठीक 6 दिन बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से कानपुर लाते हुए गाड़ी पलट गई, मौका पाकर विकास दुबे ने भागने कोशिश की थी. जिस पर पुलिस ने उसे मार गिराया था.

BSE ऑफिस में सीएम योगी

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BSE ऑफिस में सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के लिए 2 दिसंबर का दिन भी खास रहा है. इस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ नगर निगम (LMC) के बॉन्ड की लिस्टिंग के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के ऑफिस पहुंचे थे. यहां उन्होंने NMC के 200 करोड़ के बॉन्ड को लॉन्च किया. इस मौके पर BSE का घंटा भी बजाया और स्टॉक एक्सचेंज के बुल के साथ फोटो भी खिंचवाई. यह फोटो भी मीडिया की सुर्खियों में रही.

प्रियंका गांधी के गिरेबान में पुलिस का हाथ

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प्रियंका गांधी के गिरेबान में पुलिस का हाथ

हाथरस केस ने सियासी रंग ले लिया था. पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पैदल मार्च का ऐलान कर चुके थे, लेकिन कोरोना को लेकर प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था. यमुना एक्सप्रेसवे पर पुलिस वालों ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया था, दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े फाड़ दिए थे. उस वक्त सोशल मीडिया पर पुलिस की खूब निंदा हुई थी. इस घटना के ठीक दो दिन बाद पुलिस ने हद ही कर दी थी. महिला फोर्स की कमी नहीं थी इसके बाद भी डीएनडी पर प्रियंका गांधी का गिरेबान पकड़कर एक पुलिसकर्मी ने रोकने का प्रयास किया. इसके बाद यूपी पुलिस की जमकर आलोचना हुई. पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग उठी थी. लेकिन यह तस्वीर इंटरनेट सेंसेशन बन चुकी थी.

कृषि कानून का विरोध और भगत सिंह

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कृषि कानून का विरोध और भगत सिंह

नए खेती कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पिछले 29 दिनों से सिंघू बॉर्डर पर अपना डेरा जमा रखा है. वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगे मंगवाने के लिए आंदोलनरत हैं. इस दौरान बोरियत और खालीपन को दूर करने के लिए किसान किताबें पढ़ रहे हैं, अपना अखबार निकाल रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान की यह तस्वीर भी लोगों की जेहन में बस गई है. इसमें एक किसान भगत सिंह की जीवनी पढ़ रह है. किसानों के आंदोलन की यह भी एक सशक्त तस्वीर है.

देव दीपावली पर जले एक साथ 11 लाख दिए

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देव दीपावली पर जले एक साथ 11 लाख दिए

उत्तर प्रदेश में एक नजारा काशी में देव दीपावली के दौरान भी देखने को मिला. यहां एक साथ 11 लाख दीप जलाए गए. पूरी काशी नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. जैसे ही पीएम मोदी ने दीप जलाया पूरे 84 घाट दीयों की रोशनी से रौशन हो गए. इस दौरान पीएम ने लेजर शो भी देखा.