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वाशिंगटन: अमेरिकी सदर डोनाल्ड ट्रंप ने WHO (World Health Organization) को एक खत लिखकर कहा है कि उन्होंने वाज़ह कहा है कि अगर अगले 30 दिनों में WHO ने अपने तरीका-ए-कार में सुधार नहीं किया यो कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वह फंडिंग को मुस्तकिल तौर पर रोक देंगे और अपनी रुकनियत पर भी दुबारा गौर करेंगे. ट्रंप ने यह खत WHO के डायरैक्टर जनरल टेड्रोस एडहोम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) के नाम लिखा है.
व्हाइट हाउस के ऑफिशियली लेटरहेड पर लिखे गए इस खत के स्क्रीनशॉट को ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किया है. ट्रंप ने खत में लिखा है कि यह वाज़ह है कि महामारी से निपटने में आपकी तंजीम ने बार-बार गलत कदम उठाये गए, जिसका खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है. WHO के लिए आगे बढ़ने का वाहिद तरीका यही है कि वह चीन से अपनी आज़ादी साबित करे.
This is the letter sent to Dr. Tedros of the World Health Organization. It is self-explanatory! pic.twitter.com/pF2kzPUpDv
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 19, 2020
उन्होंने आगे लिखा है कि मेरे इंतेज़ामिया ने WHO में सुधार के लिए आपसे पहले ही बातचीत शुरू कर दी है लेकिन फौरी तौर पर कार्रवाई की ज़रूरत है, हमारे पास बर्बाद करने के लिए वक्त नहीं है.
बता दें दुनिया भर में कोरोना का सबसे ज्यादा असर अमेरिका में देखने को मिला है और इसी के चलते अमेरिकी सदर डोनाल्ड ट्रंप WHO से नाराज़ हैं. ट्रंप का इल्ज़ाम है कि WHO ने कोरोना को लेकर शफ्फाफियत से काम नहीं लिया है और दुनिया से इसके बारे में जानकी छिपाई है.
इसी नाराज़गी के चलते ट्रंप ने WHO की फंडिग पर आरज़ी पाबंदी लगा दी है और वार्निंग दी है वो मुस्तकिल तौर पर फंडिंग पर पाबंदी लगा सकते हैं. काबिल ज़िक्र है कि अमेरिका WHO को सालाना 400 से 500 मिलियन डॉलर देता है जबिक चीन लगभग 40 मिलियन डॉलर एक साल में WHO को देता है.
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