बंगलादेश में कट्टरपंथियों ने महिला पर बनाया 'हलाला' का दबाव, अदालत ने लिया मामले का संज्ञान
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बंगलादेश में कट्टरपंथियों ने महिला पर बनाया 'हलाला' का दबाव, अदालत ने लिया मामले का संज्ञान

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मतिउर रहमान ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए देबीगंज थाना प्रभारी जमाल हुसैन को 22 अगस्त तक जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

अलामती तस्वीर

ढाकाः बांग्लादेश के पंचगढ़ की एक अदालत ने ’हलाला विवाह’ के लिए फतवा जारी करने में कथित रूप से शामिल नौ लोगों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिसके कारण एक अधेड़ उम्र के जोड़े को उनके गांव में चार महीने के लिए अलग-थलग कर दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने घटना की जांच की और नौ लोगों शाहजहां, मुफ्ती मोहम्मद अनवर हुसैन, नासिर उद्दीन, आमिर चान, शहीद, सोर्मन अली, जुल्हाक, मुस्तफा और रसेल को आरोपित करते हुए रिपोर्ट सौंपी है. 

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया 
न्यायिक मजिस्ट्रेट एम.एम. अदालत के निरीक्षक अनीसुर रहमान ने कहा कि पुलिस द्वारा इतवार को जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद महबूब इस्लाम ने इस मामले में वारंट जारी किया. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मतिउर रहमान ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए देबीगंज थाना प्रभारी जमाल हुसैन को 22 अगस्त तक जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. 

क्या है मामला 
52 वर्षीय ऐनुल हक और 42 वर्षीय उनकी पत्नी जमीरन को एक कट्टरपंथी इस्लामी नेता के फतवा (धार्मिक आदेश) द्वारा निशाना बनाया गया था, जिसमें जमीरन को किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने, उससे तलाक लेने और फिर ऐनुल से दोबारा शादी करने का आह्वान किया गया था. हालांकि इस मामले में दंपति ने फतवे को नजरअंदाज किया था, जिसके बाद इस्लामवादी नेता ने सलीमनगर गांव में पड़ोस के सभी लोगों को सजा के रूप में जोड़े को अलग-थलग करने का आदेश दिया था.  

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