उइगर मुसलमानों के नरसंहार पर क्यों चुप है तुर्की; मदद के बजाए चीन का देता है साथ
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उइगर मुसलमानों के नरसंहार पर क्यों चुप है तुर्की; मदद के बजाए चीन का देता है साथ

East Turkistan Government in Exile appeal Turkey to cease Uyghur deportation: पूर्वी तुर्किस्तान की निर्वासित सरकार ने चीन में उइगर मुसलमानों के निर्वासन और उन्हें हिरासत में रखे जाने को लेकर तुर्की की सरकार से मदद की अपील की है.

 

अलामती तस्वीर

इस्तांबुलः तुर्की एक गैर-परमाणु संपन्न लेकिन एक पॉवरफुल मुस्लिम देश है, जो मध्य एशिया के कुछ मुस्लिम देशों के मुद्दे पर खुलकर बोलता और स्टैंड लेता रहा है, लेकिन चीन में बड़े पैमाने पर हो रहे उइगर मुसलमानों के नरसंहार, गिरफ्तारियां और निर्वासन को लेकर तुर्की मौन रहता है, जबकि चीन का सबसे बड़ा वफादार और पार्टन समझा जाने वाला देश पाकिस्तान भी इस मसले पर पुरी तरह चुप्पी साध लेते है. अब पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय कांग्रेस ने तुर्की की सरकार से चीन में हो रहे उईगर मुसलमानों के नरसंहार को रोकने की मांग की है. तुर्किस्तान सरकार ने उइगरों की गिरफ्तारी और निर्वासन को रोकने और इस मामले को लेकर चीन के साथ सहयोग समाप्त करने के लिए तुर्की सरकार से अपील की है. 

चीन से अपनी दोस्ती निभाता है तुर्की 
वहीं, तुर्की की सरकारी मीडिया टीआरटी वर्ल्ड ने बताया कि तुर्की की एकेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने जोर देकर कहा कि वह उइगरों के अधिकारों का बचाव कर रही है, जबकि तुर्की सक्रिय रूप से चीन के साथ अपनी खुफिया और सुरक्षा रणनीति की साझेदारी करता है. तुर्की के विदेश मंत्री कावुसोग्लू ने 2017 में बीजिंग में एक संयुक्त तुर्की-चीनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “हम चीन की सुरक्षा को अपनी सुरक्षा के रूप में देखते हैं, और हम अपने देश या अपने क्षेत्र में चीन के खिलाफ किसी भी नकारात्मक गतिविधि की इजाजत नहीं देते हैं. इसी तरह, हम चीन के खिलफ प्रकाशनों सहित सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाते हैं. 

उइगरों पर चीनी अत्याचार को दबा देता है तुर्की 
मार्च 2021 में, तुर्की ग्रैंड नेशनल असेंबली में तुर्की की सत्तारूढ़ एकेपी सरकार ने एक ऐसे प्रस्ताव को दबा दिया, जिसे पूर्वी तुर्किस्तान में उइगर, कज़ाख, किर्गिज़ और अन्य तुर्क लोगों के खिलाफ चीन के चल रहे अत्याचारों को नरसंहार के तौर पर चिन्हित किया गया था. 3 नवंबर, 2022 को चीन के सार्वजनिक सुरक्षा उप मंत्री डु हैंगवेई, तुर्की के आंतरिक मंत्री सुलेमान सोयलू और तुर्की के प्रवासन प्रबंधन निदेशालय के निर्वासन मामलों के प्रमुख रमज़ान सेसिल के बीच एक बैठक भी हुई थी. बैठक के बाद, इस्तांबुल में कई उइगरों को गिरफ्तार किया गया और बाद में हिरासत शिविरों में उन्हें भेज दिया गया. यहां तक कि तुर्की में कई ऐसे डिटेंशन केंद्र बने हैं जहां उइगरों को रखा जाता है. इस वजह से उइगर संगठनों के बीच भारी आक्रोश फैल गया था. 

चीन के कब्जे में हैं पूर्वी तुर्किस्तान 
पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय कांग्रेस लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित एक आधिकारिक निकाय है, जिसकी स्थापना और मुख्यालय वाशिंगटन, डीसी में उइगर, कजाख और पूर्वी तुर्किस्तान के लोगों द्वारा किया गया है. यह निकाय अंतरराष्ट्रीय मंच पर पूर्वी तुर्किस्तान के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. पूर्वी तुर्किस्तान राष्ट्रीय कांग्रेस को औपचारिक रूप से 14 सितंबर, 2004 को स्थापित किया गया था. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 22 दिसंबर, 1949 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने स्वतंत्र पूर्वी तुर्किस्तान गणराज्य को उखाड़ फेंका था, जिससे वरिष्ठ सैन्य और सरकारी अधिकारियों सहित कई पूर्वी तुर्किस्तान के नागरिकों को सोवियत संघ में शरण लेनी पड़ी थी. 

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