इस जोड़े का कहना है कि समाज में पैसों की पृथा को खत्म करने के लिए किसी को तो पहल करनी होगी.
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नई दिल्ली: आज के इस नए दौर में लड़कियों को निकाह के समय हक मेहर में ज्यादातर रुपये ही दिए जाते हैं. इसकी कोई हद नहीं कि कौन कितने रुपये देता है. कोई लाखों में देता है तो कोई महज चंद रुपयों में ही अपना यह काम निपटा लेता है लेकिन पाकिस्तान के राज्य खैबर पख्तूनखाव में एक महिला ने मेहर के तौर पर ऐसी चीज मांग ली जिससे हर कोई हैरान है.
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बीबीसी के मुताबिक राज्य के मर्दान जिले की रहने वाली नायला शुमाल साफी से जब पूछा गया कि उनको हक मेहर में क्या चाहिए? तो नायला जवाब दिया कि उसे हक मेहर में एक लाख पाकिस्तानी रुपयों की किताब चाहिए. बीबीसी के मुताबिक नायला के शौहर से जब पत्नी की इस ख्वाहिश के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा,"मुझे ख़ुशी हुई कि इससे हक़ मेहर में बहुत ज्यादा रकम मांगने की प्रथा खत्म हो जाएगी."
इस जोड़े का कहना है कि समाज में पैसों की पृथा को खत्म करने के लिए किसी को तो पहल करनी होगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि समाज में प्रचलित परंपराओं के विरुद्ध जब इस कोई पहला कदम उठाता है तो उसकी आलोचना भी होती है लेकिन हमारी किसी ने भी आलोचना नहीं की है. सभी ने हमारे इस काम की सराहना की है. बता दें कि नायला शुमाल साफी फिलहाल पीएचडी कर रही हैं और उनके शौहर सज्जाद ज़ोनदून ने पीएचडी मुकम्मल करली है.
क्या होता है मेहर
मेहर वो रकम होती है जो किसी लड़की का होने वाला शौहर उसको तोहफे के तौर पर देता है. यह रकम लड़की खुद तय करती है. मेहर तय किए बिना निकाह नहीं होता. मेहर को लड़की से न तो वापस लिया जा सकता है और ना ही माफ़ करने के लिए उस पर दबाव डाला जा सकता है. लड़की अगर यह रक़म बाद में लेने के लिए तैयार अपनी मर्ज़ी से है तो ठीक वरना इस रकम को अदा किये बिना आप उसके साथ शौहर बीवी की हैसियत से नहीं रह सकते.
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