Blasphemy in Pakistan: पाकिस्तान में ईश निंदा का कानून काफी कठोर है और अक्सर इस कानून का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के खिलाफ या फिर किसी विरोधी को फंसाने के लिए किया जाता है. पाकिस्तान के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कानून में परिवर्तन की मांग की है.
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कराचीः पाकिस्तान में मुसलमानों के एक धार्मिक पुस्तक के पन्नों को कथित रूप से जलाकर ईशनिंदा करने के मामले में एक सफाईकर्मी को गिरफ्तार किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी है. कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने शुक्रवार को हैदराबाद शहर में हुई इस कथित ईशनिंदा की घटना को लेकर एक इमारत के सामने प्रदर्शन किया था, जहां आरोपी हिंदू परिवार रहते हैं. इसके बाद हिंदू आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. गौरतलब है कि पिछले साल ही एक श्रीलंकाई नागरिक की पाकिस्तान में ईश निंदा के आरोप में जलाकर मार दिया गया था. इस मामले में कोर्ट ने लगभग 67 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
टीएलपी ने किया था प्रदर्शन
हैदराबाद में हिंदू समुदाय के एक नेता ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया कि पुलिस ने घटना के मामले में सही से जांच किए बिना कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि हिंदू परिवार इतवार को अपनी इमारत के बाहर टीएलपी के प्रदर्शन के बाद डरे हुए हैं. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, शुक्रवार को एक इस्लामी अध्ययन की पुस्तक के पन्नों को कथित रूप से जलाया गया, जिसके बाद टीएलपी ने पूरे हैदराबाद में प्रदर्शन किए और आरोपी के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज करने और उसे गिरफ्तार किए जाने का मुतालबा किया था.
इमरान खान की सरकार ने इस संगठन से हटाया था प्रतिबंध
इलाके के प्रमुख हिंदू नेता रवि दवानी ने सिंध सरकार से अपील की है कि मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए. टीएलपी को पिछले साल अप्रैल में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था. तब फ्रांस में प्रकाशित ईशनिंदा वाले कार्टून के मुद्दे पर इस संगठन के हिंसक प्रदर्शनों की वजह से सरकार को फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करना पड़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कट्टरपंथियों के सरकार विरोधी आंदोलन के बाद पिछले साल नवंबर में चरमपंथी समूह को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटाये जाने की इजाजत दी थी.
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