Iran Presidential Elections: ईरान में वोटिंग शुरू, कट्टरवादी इब्राहिम रईसी और उदारवादी अब्दोलनासर हेममती के बीच टक्कर
Advertisement

Iran Presidential Elections: ईरान में वोटिंग शुरू, कट्टरवादी इब्राहिम रईसी और उदारवादी अब्दोलनासर हेममती के बीच टक्कर

ईरान के आठ करोड़ से ज्यादा लोगों में से 5.9 करोड़ लोगों को वोटिंग का हक हासिल है और इस बार 'ईरानियन स्टूडेंट पोलिंग एजेंसी' ने कुल 42 फीसदी वोटिंग होने का अंदाज़ा लगाया है.

आयातोल्लाह अली खामनेई ने वोट डाला (AFP)

तेहरान: ईरान में शुक्रवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने पहला वोट डाल कर ऑफिशिल तौर पर वोटिंग के अमल का आग़ाज़ किया. वोटिंग स्थानीय वक्त के मुताबिक, सुबह सात बजे शुरू हुआ.

इन चुनावों में ईरानी अदालत के हेड इब्राहिम रईसी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर नेता अयातुल्ला अली खामनेई का काफी नजदीकी माना जाता है. ईरान के लोगों में सुबुक-दोश होने राष्ट्रपति हसन रूहानी के प्रशासन पर निराशा और गुस्सा की वजह से चुनाव में इस बार कट्टरपंथियों की सूरते हाल मजबूत नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें: World Corona Update: 17.73 करोड़ हुए कुल मामले, जानिए किस देश में कैसा है हाल

रूहानी की क़यादत में ईरान ने दुनिया के शक्तिशाली मुल्कों के साथ 2015 में परमाणु समझौता किया था. इसके तहत ईरान को खुद पर लगी पाबंदियों में छूट के बदले अपने परमाणु प्रोग्राम को महदूद करना था, लेकिन 2018 में अमेरिका के उस वक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मुल्क को इस समझौते से बाहर निकाल लिया, जिसके बाद समझौते को ले कर सूरते हाल बेयकीनी की कैफियत से दोचार हो गई. साथ ही ईरान की पहले से खराब मयीशत आलमी सतह पर तेल की बिक्री बंद होने, महंगाई बढ़ने और मुद्रा के कमजोर होने से और खस्ताहाल हो गई.

'सेंट्रल बैंक' के पूर्व प्रमुख अब्दुलनासिर हेम्माती भी चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें उदारवादी चेहरा माना जाता है. कुल चार उम्मीदवार राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में हैं.

ये भी पढ़ें: बुजुर्ग की पिटाई के मामले में ट्विटर इंडिया के MD को पुलिस ने भेजा नोटिस, लिखी यह बात

 

5.9 करोड़ ईरानी करेंगे अगले राष्ट्रपति का चुनाव
ईरान के आठ करोड़ से ज्यादा लोगों में से 5.9 करोड़ लोगों को मताधिकार हासिल है. हालांकि सरकारी 'ईरानियन स्टूडेंट पोलिंग एजेंसी' ने कुल 42 फीसदी वोटिंग होने का अंदाज़ा लगाया है, जो कि 1979 की इस्लामिक इंकलाब के बाद से सबसे कम होगा. ईरान इस वक्त कोविड-19 महामारी, वैश्विक अलगाव, वसी अमेरिकी पाबंदियों और बढ़ती महंगाई जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, इसलिए चुनाव को लेकर मतदाताओं के बीच कोई खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा.
(इनपुट- भाषा)

Zee Salaam Live TV:

Trending news