Masjid Al Haram: सऊदी अरब की मस्जिद अल हरम में अब 14 भाषाओं में इस्लाम का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसमें भारत की भी तीन भाषाएं शामिल हैं.
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Masjid Al Haram: सऊदी अरब ने भारत की हिंदी, बंगाली और तमिल भाषा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सऊदी अरब ने मस्जिद अल-हरम में दुनिया की 14 भाषाओं में इस्लामी पाठ का आगाज़ किया है. इसमें भारत की भी तीन भाषाएं (हिंदू, बंगाली और तमिल) शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी मीडिया ने कहा कि जनरल प्रेसीडेंसी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर सालेह अल-रशीदी ने कहा कि इस्लामी पाठ अब 14 जबानों में पढ़ाए जाते हैं. इनमें अंग्रेजी, उर्दू, फ्रेंच, हौसा, तुर्की, मलय, इंडोनेशियाई, तमिल, हिंदी, बंगाली, फारसी, रूसी, बोर्नियो और चीनी में मौजूद हैं.
उन्होंने कहा कि इसकी देखरेख मस्जिद अल-हरम और मस्जिद नबवी के जनरल प्रेसीडेंसी के ट्रांस्लेशन डिपार्टमेंट के ज़रिए की जाएगी. उन्होंने कहा कि परियोजना का मकसद गैर-अरबी बोलने वालों की मदद करना है जो मस्जिद अल-हरम में इन कक्षाओं में हिस्सा लेते हैं. सालेह अल-रशीदी ने कहा कि 7,000 से ज्यादा लोग हर महीने या तो पाठ के एक साथ ट्रांस्लेटशन या फिर जनरल प्रेसीडेंसी के सोशल मीडिया पर शेयर अंशों के ज़रिए से सेवाएं हासिल करते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, हज और उमराह मंत्रालय ने सऊदी में आने वाले तीर्थयात्रियों को हज की रस्मों के बारे में बताने के लिए एक शॉर्ट फिल्म 'द जर्नी ऑफ ए लाइफटाइम' लॉन्च की है. हज और उमराह के सऊदी मंत्री डॉ. तौफीक अल-रबियाह की निगरानी में, परियोजना को 9 भाषाओं, अरबी, अंग्रेजी, उर्दू, फ्रेंच, बंगाली, फारसी, हौसा, इंडोनेशियाई और तुर्की में पेश किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, उप मंत्री हिशाम सईद ने कहा कि एयरलाइन और अकाफ के जनरल अथॉरिटी के बीच एक समझौते के तहत सऊदी इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट सिस्टम पर भी फिल्म का प्रसारण करेगा. उन्होंने कहा कि यह फिल्म हज और उमराह करने आने वालों के ज़रिए घर छोड़ने के वक्त से किए जाने वाले सभी रस्मों पर केंद्रित है. इस फिल्म के ज़रिए लोगों को हज और उमराह करने के सही तरीकों के बारे में बताया जाएगा.
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