करीब हर आतंकवादी हमले के बाद इस बार भी आतंकी तंज़ीमों के लिंक पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं और बताया जा रहा है कि ISIS-K या कहें ISKP के चीफ असलम फारूकी के लिंक भी पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ रहे हैं.
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काबुल: पिछले रोज़ काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए धमाकों की जिम्मेदारी 'इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत' (ISIS-K) ने ली है. इस खूंखार आतंकी संगठन का तअल्लुक इस्लामिक स्टेट (Islamic State) से है. अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट और तालिबान के दरमियान काफी तनाव है और दोनों एक दूसरे पर हमला करते रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए धमाकों की बीच ISIS-K या कहें ISKP के चीफ असलम फारूकी (Aslam Farooqui) का ऐसा मामले सामने आया है, जिसने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है.
दरअसल, करीब हर आतंकवादी हमले के बाद इस बार भी आतंकी तंज़ीमों के लिंक पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं और बताया जा रहा है कि ISIS-K या कहें ISKP के चीफ असलम फारूकी के लिंक भी पाकिस्तान (Pakistan) से जुड़ रहे हैं, जिसके बारे में रिपोर्ट में दावा किया गया है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए धमाकों के पीछ असलम फारूकी का दिमाग कार-फरमां है. असलम फारूकी को तालिबान ने बलग्राम एयरबेस से अफगानिस्तान पर कब्जे के दौरान रिहा कर दिया था.
काबुल एयरपोर्ट पर हमले की साज़िश पाकिस्तान में रची गई
माना जा रहा है कि काबुल एयरपोर्ट के पास हुई आतंकवादी हमलों की साजिश पाकिस्तान में रची गई है और इस भयंकर हमले के पीछे पाकिस्तान में रहने वाले आईएसआईएस के खूंखार आतंकी असलम फारूक का हाथ हो सकता है.
कौन हैं असलम फारुखी
काबिले ज़िक्र है कि मावलावी अब्दुल्ला (Mawlawi Abdullah) उर्फ असलम फारुखी (Aslam Farooqui) पहले लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था, जो हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) के साथ काबुल (Kabul Blast) और जलालाबाद (Jalalabad) में हुए कई हमलों में शामिल रहा है. असलम फारुखी माज़ी में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Pakistan) से भी जुड़ा रहा है.
असलम फारुखी (Aslam Farooqui) एक पाकिस्तानी शहरी है. इसको अफगान फोर्सज ने पिछले साल अप्रैल, 2020 में गिरफ्तार किया था. असलम फारुखी पिछले साल काबुल के गुरुद्वारा पर हुए हमले की साजिश में शामिल था, जिसमें 25 लोग मारे गए थे. गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान ने असलम की कस्टडी मांगी थी. पाकिस्तान को डर था कि अगर असलम फारुखी ने पाकिस्तानी एजेंसियों से उसके लिंक का खुलासा कर दिया तो पाकिस्तान बेनकाब हो जाएगा. अफगानी सरकार ने असलम फारुखी की कस्टडी की डिमांड को खारिज कर उसे पाकिस्तान को सौंपने से मना कर दिया था.
जानकार मानते हैं कि तालिबान पाकिस्तान में 'पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान' (TTP) की मौजूदगी को अगरचि कुबूल नहीं करता. लेकिन दोनों आतंकवादी समूह डूरंड लाइन्स के दोनों किनारों पर अमेरिका के दुश्मन के तौर काम करते हैं. फारूकी के मामले से पता चलता है कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान इलाके में आतंकवादी समूह अलग-अलग ब्रांड नामों के साथ काम करते हैं. लेकिन उनका कारखाना पाकिस्तान ही है.
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