कोरोना वबाई मर्ज़ के सबब पाकिस्तान की मईशत की हालत भी आए दिन बदतर होती जा रही है. ऐसे में पाकिस्तान की हुकूमत चाहती है कि गैर मुल्कों में काम कर रहे पाकिस्तानियों के लिए सिफ़ारत खाने काफ़ी एक्टिव रहे.
Trending Photos
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म इमरान खान ने मुत्तहिदा अरब अमीरात और सऊदी अरब में मौजूद पाकिस्तानी सफ़ीरों को फ़टकार लगाते हुए भारतीय सिफ़ारत खानों की तारीफ़ की है.
उन्होंने कहा कि हमारे सिफ़ारत खाने ख़ासकर रियाद और जेद्दा के सिफ़ारत खाने में ना तो आम पाकिस्तानियों की मदद की जा रही है और ना ही सरमाया कारी को लेकर कोई कोशिश की जाती है, वहीं भारतीय सिफ़ारत खाने इसे लेकर काफ़ी एक्टिव रहते हैं और सरमाया कारी भी लाते हैं.
"سفارتخانوں کا نو آبادیاتی دور والا رویہ قابلِ قبول نہیں،"
وزیراعظم عمران خان کا دنیا بھر میں تعینات پاکستانی سفراء سے ورچوئل خطاب pic.twitter.com/0aEobE951o
— Prime Minister's Office, Pakistan (@PakPMO) May 5, 2021
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पाकिस्तानी सिफ़ारतकारों से की गई बैठक में इमरान ख़ान ने कहा, 'रियाद और जेद्दा में जो सिफ़ारत खाना का हाल है वह निहायत परेशान करने वाला है. सऊदी अरब के सिफ़ारत खाने के रवैये पर आला सतह जांच की जा रही है. जल्द ही उसके नतीजे सामने होंगे और कई सारी बातें भी सामने आएंगी.'
"سٹیزن پورٹل پر غیر ضروری تاخیر اور سفارتی عملے کے ناروا سلوک کی شکایات موصول ہوئی ہیں،"
وزیراعظم عمران خان کا دنیا بھر میں تعینات پاکستانی سفراء سے ورچوئل خطاب pic.twitter.com/OflE3EMiAc
— Prime Minister's Office, Pakistan (@PakPMO) May 5, 2021
पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म इमरान खान ने आगे कहा, 'मैं ख़ुद 20 सालों तक लंदन में रहा हूँ और पाकिस्तानी सिफ़ारत खाने में मेरा आना-जाना रहा है. लेकिन हमारा रिफ़ारत खाना गैर मुल्कों में रह रहे मेहनतकश मज़दूर पाकिस्तानियों के साथ बड़ा बुरा सुलूक एख्तियार करता है. मैंने अपने जानने वाले सऊदी के लोगों से पाकिस्तानी सिफारत खाना को लेकर फीडबैक मांगा और जिस तरह की जानकारी मुझे मिली उससे मैं हैरान रह गया. सिफारत खाना पाकिस्तानियों के साथ बड़ा लाउबाली पन का मुज़हिरा करता है.
वज़ीरे आज़म इमरान खान ने कहा, 'सिफ़ारत खाने का काम गैर मुल्कों में रह रहे हमारे लोगों की मदद करना है और मुल्क़, जो इस वक़्त बेहद मुश्किल माली हालात में है उसमें सरमाया कारी के लिए काम करना है. वो वक्त अब चला गया जब इंग्लैंड में पाकिस्तान के सिफ़ारत कार अंग्रेज़ों से मिल कर ख़ुश हो जाया करते थे और उन्हें नहीं लगता था कि इस मुल्क को सरमाया कारी की ज़रूरत है. मैं ये कहना चाहूंगा कि भारत के सरमाया कार इस मामले में हमसे कहीं ज़्यादा एक्टिव रहते हैं, वे अपने मुल्क में सरमाया कारी भी लाते हैं.'
इमरान खान ने कहा, 'मुत्तहिदा अरब अमीरात और सऊदी अरब के सिफ़ारत ख़ानों से सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती हैं. यहां लोगों को मुलाक़ात का वक़्त दे कर मिलते नहीं हैं. ग़रीब अपने पैसे जोड़ कर सिफ़ारत खाना आता है लेकिन यहाँ का स्टाफ़ उन्हें सुनता नहीं है. इन दो मुल्कों में हमारे सबसे ज्यादा लोग रहते हैं.'
Zee Salam Live TV: