राष्ट्रपति पर PM शहबाज़ ने साधा निशाना; PTI कार्यकर्ता की तरह काम करने का लगाया आरोप
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राष्ट्रपति पर PM शहबाज़ ने साधा निशाना; PTI कार्यकर्ता की तरह काम करने का लगाया आरोप

Pakistan: एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल, 2023 को बिना साइन किए लौटाने पर राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की आलोचना की और उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का कार्यकर्ता बताया.

राष्ट्रपति पर PM शहबाज़ ने साधा निशाना; PTI कार्यकर्ता की तरह काम करने का लगाया आरोप

PM Shehbaz Criticises President Alvi: पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ़ और राष्ट्रपति डॉ. आरिफ़ अल्वी के बीच दूरियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दोनों के दरमियान ऐसा कुछ हो जाता है कि बात बिगड़ जाती हैं. अब दोनों के बीच तल्ख़ी का एक और मामला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल, 2023 को बग़ैर पास किए वापस लौटाने के डॉ. अल्वी के फ़ैसले पर शहबाज़ ने गु़स्से का इज़हार करते हुए उन पर निशाना साधा. शहबाज़ शरीफ़ ने राष्ट्रपति अल्वी को आड़े हाथो लेते हुए यहां तक कह डाला कि वो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं.

 

बिल का मक़सद चीफ़ जस्टिस की पावर को कम करना है, जिसमें स्वप्रेरणा और पीठों का गठन शामिल है. पीटीआई ने कानून पारित करने के कदम की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह न्यायपालिका पर हमला है.जियो न्यूज ने बताया कि राष्ट्रपति द्वारा एक्ट को लौटाए जाने के कुछ घंटों बाद पीएम ने ट्वीट में कहा, प्रेसिडेंट अल्वी द्वारा संसद से विधिवत रूप से पास सुप्रीम कोर्ट के विधेयक को लौटाना बद किस्मती की बात है. राष्ट्रपति अल्वी ने पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान डेमोकेट्रिक मूवमेंट की सरकार की तश्कील के बाद से कई बिल लौटाए हैं और पीएम शहबाज समेत संघीय कैबिनेट के कई वर्कर्स को शपथ दिलाने से भी इनकार कर दिया है.अल्वी ने पीटीआई के चेयरमैन इमरान खान से सेना प्रमुख की नियुक्ति समेत कई अमह मामलों पर सलाह मांगी थी.

 

ट्वीट में, पीएम ने कहा कि राष्ट्रपति अल्वी ने अपने कार्यों के माध्यम से अपने कार्यालय को कमतर दिखाया है क्योंकि वह संविधान और अपने दफ़्तर से ज़यादा पीटीआई चीफ की हिदायात पर अमल करते हैं. जियो न्यूज ने बताया, अपने बर्ताव के माध्यम से, उन्होंने पीटीआई के एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर अपना कद कम कर लिया है, जो संविधान और अपने कार्यालय से अधिक इमरान नियाजी के प्रति समर्पित हैं.पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में इलेक्शन को लेकर देश में छाए सियासी और संवैधानिक बोहरान के बीच पिछले महीने संसद के दोनों सदनों ने इस एक्ट को मंजूरी दे दी थी और रजामंदी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया था. जियो न्यूज ने बताया कि अल्वी द्वारा बिल को पास किए जाने से इनकार करने के बाद, सरकार को संसद के संयुक्त सत्र से इस एक्ट के पास होने की उम्मीद है.

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