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Pakistan News: पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज मुस्लिम लीग नवाज (एमएल-एन) इस वक्त इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेताओं पर नुकेस कस रही है. इमरान खान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे फवाद चौधरी को पिछले दिनों गिरफ्तार कर जेल में भेज दिया है. दावा यहां तक किया जा रहा है कि जल्द ही इमरान खान भी गिरफ्तार हो सकते हैं. PTI को इमरान की गिरफ्तारी का डर सता रहा है. इस बीच एमएल-एन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है. जिसमें उसने उन नेताओं के नाम लिखे हैं जिन्हें इमरान खान की सरकार के दौरान जेल में भेजा गया था.
एमएल-एन के ज़रिए शेयर की गई तस्वीर में देखा जा सकता है कि उन्होंने अपने 15 नेताओं के नाम, फोटो और कितने दिल वो जेल में रहे लिखा है. साथ ही पोस्ट पर हेडिंग दी है,"हम भूले नहीं, ना भूलने देंगे." आगे लिखा गया,"जब एमएल-एन के नेताओं को बगैर सबूत के हिरासत में लिया गया था." एमएल-एन पर आरोप लगा है कि वो ना भूलने का दावा तो कर रही है लेकिन पार्टी खुद अपने एक बड़े नेता को भूल गई और उसका नाम इस पोस्ट में लिखा ही नहीं.
मुस्लिम लीग-एन की तरफ से सोशल मीडिया पोस्ट में पार्टी नेता मुहम्मद नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उनके बेटे हमजा शहबाज शरीफ, संघीय मंत्री ख्वाजा साद रफीक, उनके भाई ख्वाजा सलमान रफीक, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, योजना मंत्री अहसान इकबाल, पार्टी नेता हनीफ अब्बासी, मरियम नवाज के पति कैप्टन (रिटायर्ड) सफदर समेत पार्टी के कई नेताओं के नाम और फोटो और उनकी नजरबंदी की अवधि दर्ज की गई.
आम सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ पार्टी के नेता और समर्थक भी पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन की मुख्य पार्टी मुस्लिम लीग-एन के सोशल मीडिया विज्ञापन पर आपत्ति जता रहे हैं. मुस्लिम लीग-एन ने पिछले दिनों अपने नेताओं की गिरफ्तारी के बारे में एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया था कि 'हम नहीं भूले हैं, हम नहीं भूलेंगे' तो कई यूजर्स ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने अपने कुछ नेताओं के नाम शामिल किए थे.
इस ऐड पर कई बड़े हस्तियां आपत्ति जताते नजर आए कि मिफ्ताह इस्माइल को भी गिरफ्तार किया गया है, उसका नाम इसमें क्यों नहीं है? पार्टी के विज्ञापन पर जब लीग समर्थकों ने आपत्ति जताई तो सिलसिला यहीं तक सीमित नहीं रहा बल्कि इस विज्ञापन में दिखाए गए रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने भी इस बात पर हामी भर दी. बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल को एलएनजी मामले में 7 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया गया था और 27 दिसंबर 2019 को जमानत पर रिहा किया गया था. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मिफ्ताह इस्माइल और पीएमएल-एन के बीच मतभेद की खबरें आई हैं.
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