Peshawar Blast News: पाकिस्तान के पेशावर में हुए धमाके में यूं तो 100 लोगों की जान गई है लेकिन उन लोगों में दो ऐसे दोस्तों की दोस्ती का खात्मा हो गया जिसकी मिसाल हर कोई देता आ रहा था.
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Peshawar Blast: पेशावर पुलिस लाइन मस्जिद धमाके में 100 लोगों की जान चली गई है. मरने वाले 97 पुलिस कर्मचारी थे. और 3 नागरिक शामिल थे. इन मरने वालों में चारसड्डा जिले के दो बचपन के दोस्त भी शामिल थे. कांस्टेबल इफ्तिखार खान और कांस्टेबल इब्न अमीन की दोस्ती के बारे में पूरा गांव जानता था, जो चारसड्डा जिले के एक ही गांव उमरजई जनाबाद के थे.
दोनों ने अपनी प्राथमिक शिक्षा एक ही स्कूल में हासिल की और मैट्रिक तक साथ रहे. बाद में इंटरमीडिएट भी एक साथ किया. दोनों दोस्तों को स्कूल के बाहर साथ देखा जाता था और अक्सर एक ही रंग के कपड़े पहने रहते थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद इफ्तिखार खान ने एफआरसी पुलिस में नौकरी कर ली. उस वक्त इब्न अमीन सरहद यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पढ़ रहे थे.
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उर्दू न्यूज के मुताबिक इफ्तिखार खान के पुलिस फोर्स में शामिल होने के बाद इब्न अमीन ने भी चारसड्डा पुलिस में नौकरी कर ली. उन्होंने कहा कि दोनों दोस्त छुट्टियों में गांव में साथ देखे जाते थे. खुशी के मौके हों या गम के पल, दोनों साथ-साथ बांटे जाते थे. दोनों के बीच दोस्ती इतनी गहरी थी कि इफ्तिखार की शादी के कुछ समय बाद इब्न अमीन ने भी शादी कर ली, लेकिन शादी के बाद भी दोनों की दोस्ती में कोई फर्क नहीं आया.
इफ्तिखार की ड्यूटी पेशावर पुलिस लाइन में थी जबकि इब्न अमीन की ड्यूटी एक जज के पास थी लेकिन वे छुट्टियां साथ बिताते थे. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस लाइन मस्जिद पर हमले के दिन इफ्तिखार ने अपने दोस्त को पुलिस लाइन में खाने के लिए बुलाया था. खाने के बाद दोनों मस्जिद में नमाज पढ़ने गए और फिर दोनों की एक साथ मौत हो गई. उनकी दोस्ती इतनी मजबूत थी कि मौत भी उन्हें अलग नहीं कर सकी.
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