Russian न्यूज एजेंसी TASS ने किया दावा-Galvan Valley झड़प में मारे गए थे 45 चीनी सैनिक
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Russian न्यूज एजेंसी TASS ने किया दावा-Galvan Valley झड़प में मारे गए थे 45 चीनी सैनिक

न्यूज ऐजेंसी  TASS के मुताबिक मई और जून 2020 में चीनी और भारतीय सेना के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 20 भारतीय और 45 चीनी सैनिक मारे गए थे. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: रूस की समाचार एजेंसी TASS ने गलवान घाटी (Galvan Valley ) झड़प में  45 चीनी सैनिक भी मारे जाने का दावा किया है. लेकिन चालबाज चीन अभी तक इस बात को स्वीकार नहीं किया है. बता दें कि, 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सौनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. वहीं इस घटना के बाद से एलएसी पर दोनों देशों के बीच काफी तनाव बढ़ गया था. 

क्या है न्यूज ऐजेंसी  TASS का दावा 
न्यूज ऐजेंसी  TASS के मुताबिक मई और जून 2020 में चीनी और भारतीय सेना के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 20 भारतीय और 45 चीनी सैनिक मारे गए थे. 

पैंगोग झील  से पीछे हटने लगी चीन की सेना
चीनी रक्षा मंत्रालय (Chinese Ministry of Defense) के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील (Pangog Lake) के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन (India and China) के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया  है. वहीं इस मामले पर भारत की ओर से अभी तक कोई अधिकारिक टिप्पणी नहीं आई हैं. 

क्या बोले चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने एक प्रेस रिलीज  में कहा कि, भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता (Ninth round of commander level talks between India and China)में बनी सहमति के अनुरूप दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने आज 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों (Northern and southern edges of Pangong Lake) से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. 

क्या बोले थे विदेश मंत्री 
हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर(External Affairs Minister S.Jaishankar) ने कहा था कि सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है. यह सेनाओं पर निर्भर करता है और सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं. विदेश मंत्री ने बताया , उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने पिछले साल अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ हिस्सों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिए.

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