दो साल पहले पाकिस्तान के सिंध में हुई थी 2 युवकों की शादी, इस कारण बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौटी
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दो साल पहले पाकिस्तान के सिंध में हुई थी 2 युवकों की शादी, इस कारण बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौटी

पाकिस्तान के सिंध और हिन्दुस्तान के राजस्थान के बीच आज भी रोटी और बेटी का रिश्ता है. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे राजस्थान के कुछ जिलों में आज भी बेटियां पाकिस्तान से शादी कर लाईं जाती हैं. 

 

राजस्थान के दो युवकों की शादी के दौरान की तस्वीर

जैसलमेर: राजस्थान (Rajasthan) से दो साल पहले पाकिस्तान  (Pakistan) में बारात गई थी. बड़े ही धूम-घाम से बारात लेकर जैसलमेर जिले के दो युवक पाकिस्तान के सिंध प्रांत पहुंचे. शादी हुई बारातियों ने खाना खाया और शादी में जो भी रस्म होती हैं, सभी को पंडित ने पूरा भी कराया, लेकिन दुल्हन दो साल बाद भी अपने ससुराल नहीं आ सकी. 

 2019 में हुई थी 
दरअसल, जैसलमेर (Jaisalmer) जिले के बइया गांव के नेपाल सिंह का रिश्ता पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ. थार एक्सप्रेस (Thar Express) से बारात लेकर पाकिस्तान गए, नेपाल सिंह की शादी 26 जनवरी 2019 को हुई. इसी तरह बाड़मेर जिले के गिराब क्षेत्र के महेन्द्र सिंह अप्रैल 2019 शादी के लिए बारात लेकर पाकिस्तान गए. 16 अप्रैल को उनकी भी शादी हुई. दोनों दूल्हे अपनी दुल्हनों के साथ आना चाहते थे, लेकिन 14 फरवरी 2019 को पुलवामा (Pulwama Attack) हमला हो गया. 

नहीं मिल पाया था वीजा
पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना ने बदला लेते हुए पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical strike)कर दिया. इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में दरार आ गई. जिस वजह से दो देशों के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस ट्रेन के पहिए थम गए. वहीं, दूल्हे हालात सामान्य होने के इंतजार में 3-4 माह तक पाक में रुके, ताकि दुल्हनों के साथ विदा हों, लेकिन उन्हें वीजा नहीं मिला.आखिरकार दूल्हों को बिना दुल्हनों के ही भारत लौटना पड़ा.

केंद्रीय मंत्री की पहल आई काम 
इसके दो साल बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की पहल काम आई.  जिला मुख्यालय पर उनके ऑफिस में दोनों दुल्हनों और पाकिस्तान से आए मेहमानों का बीजेपी नेताओं के सहित परिवार और रिश्तेदारों ने जमकर स्वागत किया. 

क्या बोला दूल्हा 
दो साल पहले महेंद्र सिंह का भी पाकिस्तान में शादी हुई थी.  दोनों देशों के बीच हालात समान्य होने के बाद उनकी भी दुल्हन अपने ससुराल पहुंच गई हैं.  महेंद्र सिंह बताते हैं कि 2019 अप्रैल में शादी होने के बाद उनके घरवाले इंतजार कर रहे थे कि कब उनकी बहू घर आएगी. आज वह घड़ी आ गई है. इसीलिए परिवार और गांव के लोगों का खुशी का कोई ठिकाना नहीं है.

काफी जद्दोजहद के बाद इंडिया पहुंची पाकिस्तानी दुल्हन 
 केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के निजी सहायक ने बताया कि स्थानीय नेताओं और मीडिया के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली तो, हमने तुरंत विदेश मंत्रालय से लेकर भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया और लंबी जद्दोजहद के बाद अब दो दुल्हन तो आ गई है, लेकिन एक दुल्हन तकनीकी वीजा के चलते फंस गई है, जिसको भी लाने की पूरी कोशिश की जा रही है.

महिला दिवस पर ससुराल पहुंची दुल्हन 
बीते रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पाकिस्तानी दुल्हन वाघा अटारी बॉर्डर से भारत पहुंची है. नेपाल सिंह व महेन्द्र सिंह अपनी पत्नी का स्वागत करने परिवार सहित अटारी पहुंचे थे. बड़ी मुश्किल से घर लौटी बहुओं को देख सभी के चेहरे खिल उठे. उन्होंने आज बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचने पर खुले मन से उनका स्वागत किया.

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