अमेरिकी वित्त विभाग ने भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से किया बाहर
Advertisement

अमेरिकी वित्त विभाग ने भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची से किया बाहर

US Treasury removes India from its Currency Monitoring List: अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अपनी भारत यात्रा के साथ शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की थी और इसी दिन अमेरिका के वित्त विभाग ने यह कदम उठाया है. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन

वाशिंगटनः अमेरिका के वित्त विभाग ने इटली, मेक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम के साथ भारत को प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा निगरानी सूची से बाहर कर दिया है. भारत पिछले दो साल से इस सूची में शामिल था. इस व्यवस्था के तहत प्रमुख कारोबारी साझेदारों के मुद्रा को लेकर गतिविधियों और वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है. अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अपनी भारत यात्रा के साथ शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की थी और इसी दिन अमेरिका के वित्त विभाग ने यह कदम उठाया है. 

वित्त विभाग ने संसद को अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सात ऐसे मुल्क हैं, जो मौजूदा निगरानी सूची में हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन मुल्कों को इस लिस्ट से हटाया गया है, उन्होंने लगातार दो रिपोर्ट में तीन में से सिर्फ एक मानदंड को पूरा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अपने विदेशी विनिमय हस्तक्षेप को प्रकाशित करने में नाकाम रहने और अपने एक्सचेंज रेट में पारदर्शिता की कमी की वजह से वित्त विभाग की नजदीकी निगरानी में है.

भारत-अमेरिका संबंध बहु-क्षेत्रीय हैं, निवेश पर फोकसः सीतारमण
वहीं, दूसरी तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत-अमेरिका संबंध 50 प्लस द्विपक्षीय वार्ता तंत्र के जरिए वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के तौर पर विकसित हुआ है और उनका सहयोग व्यापक और बहु-क्षेत्रीय है. उन्होंने 9वीं आर्थिक और वित्तीय भागीदारी (ईएफपी) बैठक से इतर इंडिया यूएस बिजनेस एंड इकोनॉमिक अपॉर्चुनिटीज सेशन इवेंट को खिताब करते हुए कहा- भारत-अमेरिका संबंधों की ताकत दोनों की जरूरतों की आपसी समझ और मतभेदों का सम्मान करने में है.

भारत-अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार  20 अरब डॉलर
सीतारमण ने कहा- यह ध्यान देने लायक है कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा व्यापार लगभग 12 साल पहले शून्य से अब 20 अरब डॉलर से ज्यादा तक पहुंच गया है. जैसे-जैसे हमारी रक्षा साझेदारी विकसित होती है, हमारा रक्षा उद्योग सहयोग के मौकों का स्वागत करता है, खास तौर से भारत और दुनिया के लिए नवाचार, सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए. वित्त मंत्री जेनेट येलेन के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को खिताब करते हुए सीतारमण ने इस मौके पर इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भारत एक कारोबारी मुल्क के तौर पर उभरा है. 

"मैं आपको आमंत्रित करती हूं "
भारत में निवेश करने के लिए अमेरिकी निवेशकों से अपील करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एक सतत विकास गाथा है जो ढेर सारे मौके देता है. उन्होंने कहा, मैं आपको आमंत्रित करती हूं और भारत और अमेरिका की साझा समृद्धि के इस दृष्टिकोण में हिस्सा लेने और योगदान करने के लिए, कारोबारी दिग्गजों और प्रमुख विचारकों को आमंत्रित करती हूं. इससे पहले, सीतारमण ने 9वें ईएफपी के दौरान येलन के साथ द्विपक्षीय चर्चा की थी. इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल भी मौजूद थे, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे.

ऐसी खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in 

Trending news