रमजान और ईद पर मुसलमानों को घरों में भी नहीं पढ़ने दी नमाज, घर-घर ली गई तलाशी
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रमजान और ईद पर मुसलमानों को घरों में भी नहीं पढ़ने दी नमाज, घर-घर ली गई तलाशी

Uyghus Muslims: खुदा की इबादत करने का हक सभी को है लेकिन चीन में मुसलमानों से यह हक भी छीना जा रहा है. रमजान और ईद के मौके पर भी मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने का हुक्म नहीं दिया गया, यहां तक कि घर-घर जाकर तलाशी ली गई है. 

रमजान और ईद पर मुसलमानों को घरों में भी नहीं पढ़ने दी नमाज, घर-घर ली गई तलाशी

नई दिल्ली: चीन मुसलमानों का क्या हाल है ये सारी दुनिया जानती है. हाल ही में खबर सामने आई है कि चीनी अफसरों ने शिनजियांग के कई हिस्सों में मुसलमानों के सबसे पवित्र महीना रमजान के दौरान और ईद-उल-फितर के मौके पर नमाज़ पढ़ने पर पाबंदी लगा दी. ना सिर्फ मस्जिदों बल्कि उन्हें घर पर भी नमाज़ नहीं पढ़ने दी जा रही है. 

ज़राए ने कहा कि इस साल की ईद के मौके पर शिंजियांग राज्य में चीनी अफसरों ने शहर की सड़कों पर गश्त किया, यहां तक कि घरों की तलाशी भी ली, ताकि लोग अपने घरों के अंदर खुफिया तरीके से नमाज़ ना पढ़ पाएं. अकेसू प्रान्त के यार्कोव्रुक शहर के एक प्रशासनिक कर्मचारी ने कहा कि ईद की नमाज़ के लिए एक मस्जिद खुली थी. जहां पर चंद लोगों को ही नमाज़ पढ़ने की इजाज़त थी. 

रेडियो फ्री एशिया ने बताया कि 60 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ईद के दौरान भारी पुलिस निगरानी में एक स्थानीय मस्जिद में नमाज़ पढ़ने इजाज़त दी गई थी. 2017 के बाद से चीन ने "धार्मिक अतिवाद" पर मुहर लगाने की कोशिश में ज्यादातर मुस्लिम उइगरों के बीच जातीय रीति-रिवाजों और धार्मिक अनुष्ठानों को प्रतिबंधित या कर दिया है.

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इसी तरह, बुलुंग शहर, बे काउंटी में ईद की नमाज़ के लिए सिर्फ एक मस्जिद खुली थी. स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक अफसर ने कहा, सिर्फ 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही नमाज़ पढ़ने की इजाज़त थी. कर्मचारी ने कहा, "हमारे पुलिस अधिकारी लोगों को देखने के लिए मस्जिद गए थे." "मुझे नहीं पता कि लोगों को मस्जिद जाने की अनुमति की आवश्यकता थी या नहीं क्योंकि मैं वहां नहीं गया था." 

आरएफए ने बताया कि सरकार ने एक नोटिस जारी किया है कि 60 साल से कम उम्र के लोग ईद की छुट्टी पर नमाज़ नहीं कर सकते हैं. शहर के पुलिस स्टेशन के अफसर ने कहा कि बुलुंग में सिर्फ एक दर्जन उइगर बुजुर्गों ने एक मस्जिद में ईद की नमाज अदा की, क्योंकि तीन पुलिस अफसरों और कई सहायक पुलिस कर्मचारियों ने उइगरों के नाम देखे और लिखे. पुलिस अफसरों ने कहा, "मस्जिद कल खुली थी और हम वहां लोगों का सर्वेक्षण करने गए थे."

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