`ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया...` राहत इंदौरी यांच्या गाजलेल्या शायरी
राहत इंदौरी यांच्या काही गाजलेल्या शायरी -
भोपाळ : लोकप्रिय शायर राहत इंदौरी यांचं निधन झालं आहे. इंदौरी यांना कोरोनाची लागण झाली होती. मंगळवारी सकाळी ट्विट करुन त्यांनी, त्यांची कोरोना चाचणी पॉझिटिव्ह आल्याचं सांगितलं होतं. राहत इंदोरी त्यांच्या अनोख्या शैलीतील, उत्कृष्ट कविता, शायरीसाठी ओळखले जातात. राहत इंदौरी यांच्या काही गाजलेल्या शायरी -
दो गज़ सही मगर यह मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
बुलाती है मगर जाने का नईं
वो दुनिया है उधर जाने का नईं
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है.
मैं जानता हूँ कि दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है
जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूं, हिसाब तो दे