...अचानक से रामनाथ कोविंद का नाम, सरप्राइज़ देना रही है पीएम मोदी की आदत!
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...अचानक से रामनाथ कोविंद का नाम, सरप्राइज़ देना रही है पीएम मोदी की आदत!

भारत के प्रधानमंत्री मोदी की करिश्माई राजनीतिक उपलब्धियां किसी से छिपी नहीं हैं और ये बात साबित भी होती रही है. प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरप्राइज देने की आदत की वज़ह से खासा जाने जाते हैं.

राजनीति में सरप्राइज देना रही है प्रधानमंत्री मोदी की फितरत

नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री मोदी की करिश्माई राजनीतिक उपलब्धियां किसी से छिपी नहीं हैं और ये बात साबित भी होती रही है. प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरप्राइज देने की आदत की वज़ह से खासा जाने जाते हैं.

चाहे वो प्रत्याशी चयन की बात हो या मुख्यमंत्री के पद पर खासे चर्चित नाम से इतर किसी और के चयन की पीएम मोदी का सरप्राइज़िंग एलीमेंट सामने आता रहा है.

कहा जाता है कि मोदी राजनीति में अपनी सूची वहां से शुरू करते हैं जहां से लोगों के कयासों की सूची खत्म होती है और मोदी अपनी इसी शैली की वज़ह से जाने जाते हैं.

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एक तरह से पहले से ये मान लिया गया था कि वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन का नाम होड़ से बाहर हो गया. राज्यपालों में जिनका नाम सबसे मज़बूती से उभरा था वो उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक थे. झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और थावरचंद गहलोत का नाम भी इस पद के लिए चला था.

लेकिन इन नामों से बिलकुल अलग रामनाथ कोविंद का नाम आना अचरज़ भरा है. रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं. बीजेपी के पुराने नेता हैं सांसद रहे हैं. एससीएसटी प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी. वो कोरी समाज से आने वाले दलित हैं.

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राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वो उनमें हैं. और मृदुभाषी हैं. कम बोलना और शांति के साथ काम करना कोविंद की शैली है.

एक निगाह पीएम मोदी के पिछले कुछ सालों में लिए गए सरप्राइज़िंग फैसलों पर-

हरियाणा CM के रूप में मनोहर लाल खट्टर को सामने लाना

2014 में बीजेपी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में एक पंजाबी का चुनाव करके राजनीतिक पंडितों को आश्चर्यचकित कर दिया थ. लोगों ने तब इस फैसले पर सवाल भी उठाए थे लेकिन आरएसएस की पृष्ठभूमि से पहली बार मनोहर लाल हरियाणा का नेतृत्व कर रहे हैं.

देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के रूप में

महाराष्ट्र में हाई प्रोफ़ाइल वाले बीजेपी नेताओं की कोई कमी नहीं थी. हालांकि, जब पार्टी ने शिवसेना के साथ गठबंधन सरकार बनाई, तो सरकार को नेतृत्व करने के लिए आरएसएस बैकग्राउंड वाले देवेंद्र फडणवीस जैसे लो प्रोफ़ाइल वाले नेता का चयन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. राज्य के मुख्यमंत्री बनने से पहले लोग फडणवीस के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते थे.

उत्तराखंड मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में ऐतिहासिक जनादेश मिलने के बाद, कई रिपोर्टों में सुझाव दिया था कि उत्तराखंड  मुख्यमंत्री को लिए प्रकाश पंत का नाम सही रहेगा लेकिन मोदी-शाह ने आरएसएस पृष्ठभूमि वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुना, ये फैसला भी खासा सरप्राइज़िंग माना गया था.

योगी आदित्यनाथ को जब बनाया उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री

किसने सोचा कि प्रधान मंत्री मोदी फायरब्रांड हिंदुत्व नेता योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव करेंगे? उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में ऐतिहासिक जनादेश मिलने के बाद उम्मीद थी कि प्रधान मंत्री राजनाथ सिंह या केंद्रीय राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, केशव मौर्या जैसे किसी नाम पर मुहर लगायेंगे लेकिन ऐसा ना हुआ.

और अब रामनाथ कोविंद के नाम को सामने लाकर दिया सरप्राइज़

राष्ट्रपति चुनाव 2017 भी इसका अपवाद नहीं रहा, जैसा कि बीजेपी ने इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा की है कहा जा रहा है कि संघ भी इस नाम से खुश है क्योंकि कोविंद की जड़ें संघ में निहित हैं.

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राजनीतिक पंडित मानते हैं कि रामनाथ कोविंद के पक्ष में तीन चीज़ें गई हैं- एक तो बिहार के राज्यपाल के तौर पर उनका अपना कामकाजी अनुभव है, दूसरी पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और वे जिस समुदाय से आते हैं, ये तीनों बातें उनके पक्ष में रही हैं.

 

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