तेलंगाना में चुनाव कराने पर आज चर्चा कर सकता है चुनाव आयोग, होगी अहम बैठक
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तेलंगाना में चुनाव कराने पर आज चर्चा कर सकता है चुनाव आयोग, होगी अहम बैठक

उल्‍लेखनीय है कि तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए गुरूवार को राज्य विधानसभा को उसके निर्धारित समय से कुछ महीने पहले ही भंग करने की सिफारिश कर दी. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : तेलंगाना में चुनाव कराने के मुद्दे पर चुनाव आयोग के आज (शुक्रवार को) चर्चा करने की संभावना है. दरअसल, राज्य के मंत्रिमंडल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग हर मंगलवार और शुक्रवार को कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक करता है और अगली बैठक में इस दक्षिणी राज्य में चुनाव आयोजित करने का मुद्दा उठ सकता है. अधिकारी ने बताया, ‘‘अंतिम निर्णय से पहले त्योहार, परीक्षाएं और मौसम की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.’’ गौरतलब है कि तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल जून 2019 तक था.

दरअसल, तेलंगाना में गुरूवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नीत सरकार द्वारा विधानसभा भंग करने की सिफारिश किए जाने के बाद अब सभी निगाहें राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन पर हैं. उम्मीद है कि वह राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपेंगे. अधिकारियों के अनुसार उम्मीद है कि राज्यपाल राज्य की विधानसभा भंग किए जाने के बारे में चुनाव आयोग को औपचारिक रूप से सूचित करेंगे और छह महीनों के अंदर चुनाव कराने की सिफारिश करेंगे. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह चुनाव आयोग पर है कि वह चार अन्य राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ ही यहां भी विधानसभा चुनाव कराए. अधिकारी ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के पास छह महीने यानी मार्च की शुरूआत तक का समय चुनाव कराने के लिए है.

केंद्र को अपनी रिपोर्ट में, राज्यपाल द्वारा दो विकल्प देने की संभावना है. इनमें नई सरकार के गठन तक राव को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद पर बनाए रखना और राष्ट्रपति शासन लागू करना शामिल है. अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय विचार और अंतिम निर्णय के लिए इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा. राज्यपाल ने राव और उनकी मंत्रिपरिषद को कार्यवाहक सरकार के रूप में काम करते रहने को कहा है.

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उल्‍लेखनीय है कि तेलंगाना की टीआरएस सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए गुरूवार को राज्य विधानसभा को उसके निर्धारित समय से कुछ महीने पहले ही भंग करने की सिफारिश कर दी. टीआरएस को उम्मीद है कि पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव के करिश्मे और बिखरे विपक्ष की वजह से वह लगातार दूसरी बार सत्ता में आ जाएगी. माना जा रहा है कि पार्टी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ होने की स्थिति में ‘‘केसीआर बनाम मोदी’’ मुकाबले को भी टालना चाहती थी.

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इस बीच राव ने विधानसभा की 119 सीटों में से 105 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. पार्टी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसे तेलंगाना की सबसे बड़ी दुश्मन बताया. राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का ‘‘सबसे बड़ा मसखरा’’ बताया. हालांकि उन्होंने भाजपा की आलोचना से परहेज किया.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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