शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का बेटा सियासत नहीं, इस कारण हो रहा मशहूर
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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का बेटा सियासत नहीं, इस कारण हो रहा मशहूर

तेजस ठाकरे ने महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में मीठे पानी में पाए जाने वाले केकड़ों की 11 दुर्लभ प्रजातियों का पता लगाया है.

उद्धव ठाकरे शिवसेना प्रमुख हैं.

मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बड़े बेटे आदित्‍य ठाकरे से तो आप परिचित ही हैं. वह शिवसेना की युवा शाखा के अध्‍यक्ष हैं और पिता के साथ अक्‍सर सियासी रणनीतिकार की भूमिका में दिखाई देते हैं. लेकिन उनके छोटे बेटे तेजस फिलहाल राजनीति से दूर हैं लेकिन इसके बावजूद सुर्खियां बटोर रहे हैं.

  1. उद्धव के छोटे बेटे तेजस ने कछुए की दुर्लभ प्रजातियां खोजीं
  2. न्‍यूजीलैंड की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘जूटेक्सा’ में यह रिसर्च प्रकाशित हुआ
  3. शिवसेना के बड़े बेटे आदित्‍य ठाकरे पिता के साथ राजनीति में सक्रिय

दरअसल तेजस ठाकरे ने महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में मीठे पानी में पाए जाने वाले केकड़ों की 11 दुर्लभ प्रजातियों का पता लगाया है. उद्धव ठाकरे के एक करीबी सहयोगी बताया कि 20 साल के छात्र तेजस का यह वैज्ञानिक अनुसंधान न्यूजीलैंड की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘जूटेक्सा’ में प्रकाशित हुआ है.

शिवसेना और बीजेपी के बीच बढ़ी खटास
इधर केंद्र और महाराष्‍ट्र की सत्‍ता में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के रिश्‍ते बीजेपी के साथ अब मधुर नहीं हैं. 2019 के आम चुनावों में पहले ही बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी शिवसेना की तल्‍खी बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बावजूद कम नहीं हुई है. इस कारण शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में शायद ही कोई दिन हो, जब मोदी सरकार के खिलाफ संपादकीय ना लिखा जाता हो.

इसी सिलसिले में पिछले दिनों शिवसेना ने महाराष्ट्र में किसानों और दूसरे लोगों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या यही उनके अच्छे दिन के वादे हैं? शिवसेना ने केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकारों पर दोषारोपण करते हुए कहा कि गरीबी, जीने के संसाधनों की कमी और सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण पड़ने वाले वित्तीय बोझ के चलते इन लोगों ने खुदकुशी की है.

शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में लिखा है कि वास्तविकता यह है कि महाराष्ट्र गंभीर संकट में है और लोगों को भूखे रहना पड़ता है, उनके पास जरूरतों की पूर्ति के साधन नहीं है. इसलिए पूरा-पूरा परिवार खुदकुशी कर रहा है. आत्महत्या की ये घटनाएं न सिर्फ मुफ्फसिल इलाके में, बल्कि मुंबई में भी हो रही हैं.

शिवसेना ने मुंबई में प्रवीण पटेल और रीना दंपति के 11 वर्ष के बेटे के साथ आत्महत्या करने की घटना का जिक्र किया और कहा कि परिवार ने कैंसर से पीड़ित अपनी 14 साल की बेटी के इलाज के लिए भारी कर्ज लिया था. हाल ही में उनकी बेटी की मृत्यु हो गई. कर्ज अदा करने में लाचार होने पर परिवार ने खुदकुशी कर ली. शिवसेना ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकारी कर्मचारी राजेश भिंगरे द्वारा आत्महत्या करने की घटना से मुंबई एक बार फिर सन्न रह गई. घर का खर्च चलाने में लाचार भिंगरे ने दो बच्चे और पत्नी समेत खुदकुशी कर ली थी.

(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)

 

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