Vastu Tips: हिंदू धर्म में घोड़े की नाल का बहुत अधिक महत्व है. कई लोग इसे शनि देव से जोड़कर देखते हैं और इसकी अंगूठी बनाकर अंगुलियों में धारण करते हैं. इससे शनि देव की कोप दृष्टि से राहत मिलती है. इसी तरह घोड़े की नाल वास्तु दोष को दूर करने में भी मदद करता है.
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Ghode ki Naal ke Upay: घर में अगर वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन किया जाए तो कई तरह की तकलीफों से छुटकारा पाया जा सकता है. वास्तु शास्त्र में बहुत सी ऐसी चीजों का जिक्र किया गया है, जिनको घर में रखने से सकारात्मकता ऊर्जा का संचार होने लगता है. इससे जहां दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है. वहीं, सुख-समृद्धि का वास होने लगता है. हालांकि, घोड़े की नाल को सही दिशा और जगह पर रखना बेहद जरूरी है.
महत्व
वास्तु जानकारों का कहना है कि घोड़ी की नाल दो तरह की होती है. एक यू पैटर्न की और एक रिवर्य सू पैटर्न की. कहते हैं कि दोनों ही पैटर्न का इस्तेमाल घर, दुकान या ऑफिस में किया जा सकता है. कहते हैं कि अगर इसे नियमानुसार दुकान या ऑफिस में लगा लिया जाए, तो व्यक्ति के अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाती है. इतना ही नहीं, इसे बहुत ही शुभ माना जाता है.
फायदा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर से नकारात्मकता और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए घोड़े की नाल का प्रयोग किया जाता है. कहते हैं कि इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती और घर में सिर्फ पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है. घोड़े की नाल से सुख-समृद्धि आती है. इतना ही नहीं, व्यक्ति की धन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. वहीं, व्यापार में आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है. घोड़े की नाल बुरी नजर से बचाने में भी मदद करती है.
सही जगह
वास्तु जानकारों का मानना है कि घर और दुकान में यू पैटर्न वाली घोड़े की नाल लगाना उत्तम रहता है. इसे घर के मुख्य द्वार पर बाहर की तरफ डोर फ्रेम ऊपर की तरफ लगाया जाता है. इसे उत्तर या पश्चिम दिशा में ही लगाना चाहिए. वहीं, अगर आप रिवर्स यू पैटर्न की नाल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसके ऊपर आइना भी लगाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)