Shree Yantra Benefits: श्री यंत्र एक प्रकार की जटिल ज्यामितीय आकृति होती है, जिसे श्री यंत्र के अलावा नवचक्र और महामेरु भी कहते हैं. सभी प्रकार के यंत्रों में शिरोमणि होने के कारण ही इसे यंत्रराज भी कहा जाता है.
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Shree Yantra Benefits in Hindi: धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्री यंत्र की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए श्री यंत्र की स्थापना की जाती है. श्री यंत्र के नियमित पूजन से आर्थिक संपन्नता आती है. जिस स्थान पर इसका पूजन किया जाता है वहां पर सुख समृद्धि, सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है. कागज, भोजपत्र, तांबा, चांदी, सोना, स्फटिक या प्लास्टिक पर बने श्री यंत्र का उपयोग किया जा सकता है.
यह एक प्रकार की जटिल ज्यामितीय आकृति होती है, जिसे श्री यंत्र के अलावा नवचक्र और महामेरु भी कहते हैं. सभी प्रकार के यंत्रों में शिरोमणि होने के कारण ही इसे यंत्रराज भी कहा जाता है. यूं तो इसकी पूजा कभी भी किसी शुभ मुहूर्त में की जा सकती है, लेकिन नवरात्र के दिनों में इसकी पूजा का विशेष महत्व होता है.
स्थापना विधि
श्री यंत्र को घर पर लाने के बाद प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजन के स्थान पर पूर्व की ओर मुख करके किसी ऊनी आसन को बिछाकर उस पर बैठ जाएं. एक साफ-सुथरे लकड़ी के पटे पर श्री यंत्र को स्थापित कर जल पंचामृत, रोली, अक्षत और पुष्प से उसका विधिवत पूजन करें. इसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए “ओम् महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ” मंत्र का जाप करें और रात्रि के समय श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए.
इसके पश्चात पूजित श्री यंत्र को पूजा घर अथवा अपने व्यवसायिक क्षेत्र में यथा स्थान स्थापित कर दें. श्री यंत्र की स्थापना के बाद नियमित पूजन करना आवश्यक है. पूजन में यदि रोज गुलाब का फूल अर्पित करें तो जल्द ही उत्तम फल प्राप्त होता है. जिस घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में श्री यंत्र विधिवत पूजन के साथ स्थापित किया जाता है और नियमित पूजा होती है उन पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.