Gaurda Puran: गरुण पुराण में कुछ ऐसे भी घर बताए गए हैं, जिनके यहां अगर आप खाना खाते हैं तो पाप का भागीदार बनना पड़ सकता है. इतना ही नहीं, आपको नरक की यातनाएं भी झेलनी पड़ सकती हैं. आइए आपको बताते हैं, ऐसे 8 घरों के बारे में.
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In Logo Ke Ghar Na Khayein Khana: हिंदू परंपराओं में किसी को खाना खिलाना पुण्य का काम माना गया है. कहते हैं गरीब को खाना खिलाने से ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं और आप पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं. लेकिन गरुण पुराण में कुछ ऐसे भी घर बताए गए हैं, जिनके यहां अगर आप खाना खाते हैं तो पाप का भागीदार बनना पड़ सकता है. इतना ही नहीं, आपको नरक की यातनाएं भी झेलनी पड़ सकती हैं. आइए आपको बताते हैं, ऐसे 8 घरों के बारे में.
क्रोधी व्यक्ति
भोजन को लेकर कहा जाता है कि जो शख्स जैसा अन्न खाता है, उसका मन वैसा ही होता है. अगर आप किसी क्रोधी शख्स के घर का खाना खाते हैं तो उसके गुण हमारे भीतर भी आ जाते हैं. यह आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डाल सकता है.
रोगी व्यक्ति
वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अगर कोई रोगी व्यक्ति है तो उसके घर का खाना खाने से बचना चाहिए. उसके यहां भोजन करने से आप भी उस बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं.
चोर और अपराधी
धर्म शास्त्रों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति अपराधी या चोर के घर भोजन करता है तो वह एक तरह से उसकी पाप की कमाई को खाने का भागीदार बन जाता है.
सूदखोर व्यक्ति
दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाकर कमाए गए पैसे वाले व्यक्ति के घर भूलकर भी भोजन न करें. गरुड़ पुराण के मुताबिक, उनके घर कभी खाना नहीं खाना चाहिए. सूदखोर के यहां खाना खाने से नेगेटिव असर पड़ता है.
नशे का कारोबारी
जो शख्स नशे का कारोबार करता है, वह न जाने कितनों की जिंदगी बर्बाद करता है. इससे उनके परिवारों के लिए भी मुश्किलें खड़ी होती हैं. गरुण पुराण के मुताबिक ऐसे लोगों के घर कदम रखना भी पाप है.
चरित्रहीन स्त्री
गरुण पुराण के मुताबिक, चरित्रहीन स्त्री के घर का भोजन भी भूलकर नहीं खाना चाहिए. जिसका चरित्र खराब है, उसके घर कदम रखना भी आपके चरित्र पर सवाल खड़े कर सकता है. ऐसी स्त्री के घर भोजन करने से आपको उसके पापों का फल प्राप्त होगा.
नपुंसक या किन्नर
गरुण पुराण के मुताबिक, किन्नरों को दान देना चाहिए लेकिन उनके घर भोजन नहीं करना चाहिए. किन्नर कई प्रकार के लोगों से दान में धन हासिल करते हैं. इन्हें दान देने वालों में अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोग होते हैं.
निर्दयी व्यक्ति
अगर कोई व्यक्ति निर्दयी है, दूसरों के प्रति मानवीय भाव नहीं रखता. सभी को कष्ट देते रहता है तो उसके घर भी खाना नहीं खाना चाहिए. ऐसे लोगों के कमाए हुए पैसों से बना खाना खाने से हमारा स्वभाव भी वैसा ही बन सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)