Ruby Gemstone: ज्योतिष शास्त्र के ही अंग रत्न शास्त्र में विभिन्न रत्नों का उल्लेख मिलता है. इसमें 9 रत्न और 84 उपरत्नों के बारे में विस्तार से बताया गया है. हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. ऐसे में अगर किसी जानकार की सलाह के रत्न धारण किया जाए तो इंसान के कष्ट दूर होने लगते हैं और किस्मत साथ देने लगती है. आज एक ऐसे ही रत्न माणिक्य की बात करेंगे. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, माणिक्य रत्न का संबंध सूर्य से है. इस रत्न को धारण करने से इंसान के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में सूर्य शुभ स्थान पर हैं. ऐसे लोग रूबी या माणिक्य धारण कर सकते हैं.
रूबी वैसे हर कोई धारण नहीं कर सकता है. इसको ज्योतिष सलाह के बाद ही पहनना चाहिए. हालांकि, मेष, सिंह और धनु लग्न के लोग माणिक्य पहन सकते हैं. इसके साथ ही जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्याहरवां भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में उच्च स्थित में हो तो ऐसे लोग भी माणिक्य धारण कर सकते हैं.
जिन लोगों को ह्रदय, हड्डी और नेत्र रोग से संबंधित दिक्कत है, ऐसे लोग भी माणिक्य धारण कर सकते हैं. यह रत्न धारण करने से इन रोगों से लड़ने की क्षमता में कई गुनी वृद्धि हो जाती है. वहीं, जिन लोगों की जन्मकुंडली में सूर्य नीच के स्थान पर हो तो ऐसे लोग माणिक्य धारण नहीं करें.
माणिक्य के साथ नीलम और गोमेद पहनने से बचना चाहिए. माणिक्य पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. प्रशासनिक और राजनीति से जुड़े लोगों को यह रत्न काफी फायदा पहुंचाता है.
माणिक्य रत्न को सवा 7 से सवा 8 रत्ती का धारण करना चाहिए. इसे तांबे या सोने की धातु में जड़वाकर पहनना चाहिए. माणिक्य रत्न को सूर्योदय के बाद स्नान करने के बाद ही धारण करना चाहिए.
माणिक्य धारण करने से पहले अंगूठी को गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें. इसके बाद अंगूठी को धारण करें और फिर सूर्य देव से संबंधित दान किसी मंदिर के पुजारी को देकर आएं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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