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Rahu-ketu Upay: ग्रहों का हमारे जीवन में बहुत गहरा असर पड़ता है. शनि की तरह की राहु और केतु को भी क्रूर ग्रह माना जाता है. कहते हैं कि अगर राहु-केतु कुंडली में अशुभ स्थिति में तो जीवन में कई समस्याएं आने लगती है. राहु-केतु छाया ग्रह है. राहु-केतु के कुंडली में अशुभ स्थिति में कालसर्प दोष बनता है. इस दौरान व्यक्ति को कई कष्टों का सामना करना पड़ता है. कुंडली में राहु-केतु की महादशा होने पर इससे बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं. जिन्हें अजमाकर व्यक्ति कुछ राहत पा सकता है. तो आइए जानते हैं राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
राहु-केतु दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत
शास्त्रों के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु दोष हो उस व्यक्ति को हमेशा मानसिक तनाव रहता है. कई बार आर्थिक नुकसान रहना पड़ता है जैसे कीमती चीजें घूम जाती हैं. राहु दोष होने पर व्यक्ति छिड़छिड़ा, गुस्से वाला हो जाता है. इसके अलावा उसे कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं और पारिवारिक कलह हमेशा बना रहता है.
शास्त्रों के अनुसार वहीं अगर कुंडली में केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति को शारीरिक समस्याएं होने लगती है. जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु दोष हो उसे जोड़ों का दर्द, स्किन प्रॉब्लम, रीढ़ की हड्डी में समस्या जैसी कई बीमारियां होने का खतरा लगा रहता है.
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए वीरवार के दिन कन्याओं को हलवा-पूरी खिलाने के सलाह दी जाती है. इससे बाद उनसे आशीर्वाद लें इससे इसके राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलेगा.
शिवजी की पूजा करने से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है. इशके लिए सोमवार के दिन शिवजी को काले तिल, बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाएं. इससे राहत मिलेगी. इसके अलावा शिवजी के सामने बैठकर ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करना भी लाभदायक होता है.
राहु-केतु के दोष को कम करने के लिए नीले और गुलाबी रंग के कपड़े धारण करें. इसके साथ ही रोजाना कुत्ते को रोटी खिलाना भी फायदेमंद होता है.
राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए घर पर श्रीकृष्ण की ऐसी तस्वीर लगाएं जिनमें वे शेषनाग के ऊपर नृत्य कर रहे हों और उनकी रोजाना पूजा करें. पूजा के दौरान ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का कम से कम 21 बार जाप जरूर करें.
इसके अलावा शनिवार के दिन ज्योतिष की सलाह के बाद राहु रत्न गोमेद को धारण कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)