Sawan Shivratri 2023 kab hai: मासिक शिवरात्रि हर महीने की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. अब सावन महीने की शिवरात्रि आने वाली है, जो कि इस बार बेहद खास रहने वाली है.
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Sawan Shivratri 2023 Date: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि महापर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. वैसे तो महाशिवरात्रि फरवरी महीने में पड़ती है लेकिन हर महीने भी शिवरात्रि मनाई जाती है. दरअसल हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. मासिक शिवरात्रि का व्रत रखना, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना बहुत लाभ देता है. उस पर सावन शिवरात्रि का महत्व तो कई गुना ज्यादा होता है. अभी सावन महीना शुरू हो चुका है और 31 अगस्त 2023 तक सावन चलेगा. इस बीच सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी.
बेहद खास होती है सावन शिवरात्रि
सावन महीने की शिवरात्रि बेहद खास होती है, क्योंकि सावन महीने में शिव जी का अभिषेक करने के लिए कावड़िए जो गंगाजल लाते हैं, उससे सावन शिवरात्रि के दिन ही अभिषेक करते हैं. सावन शिवरात्रि के दिन कावड़िए शिवलिंग का गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों के जल से स्नान करते हैं.
मासिक शिवरात्रि पर खास संयोग
हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई की रात 08 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और 16 जुलाई की रात 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होती है. मासिक शिवरात्रि के दिन वृद्धि और ध्रुव बन रहे हैं. वृद्धि योग 14 जुलाई की सुबह 08 बजकर 28 मिनट शुरू होकर 15 जुलाई की सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. वहीं ध्रुव योग 15 जुलाई की सुबह 08 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 16 जुलाई की सुबह 8 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा. इस दिन मृगशिरा नक्षत्र भी रहेगा. इस तरह इन शुभ योगों में मासिक शिवरात्रि व्रत-पूजा करना अपार लाभ देगा.
पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं
सावन शिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा-व्रत करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. सारे काम बनने लगते हैं, बाधाएं दूर होती हैं. कुंवारी कन्याएं सावन महीने का व्रत रखें तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है. उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. अधूरे काम बन जाते हैं. साथ ही सावन शिवरात्रि व्रत रखने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं और सारे रोग दूर होते हैं. इसके लिए मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से अभिषेक करें. इससे धन प्राप्ति के योग बनते हैं. वहीं जल्द विवाह के लिए शिवलिंग पर 108 बेल पत्र अर्पित करें. हर बेल पत्र अर्पित करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)