Scientific reason behind sleeping direction in Hindi: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है. हर दिशा का संबंध हमारे जीवन के किसी न किसी पहलू से है और इसलिए हर काम को करने के लिए दिशाओं का ध्‍यान रखना जरूरी होता है. पूरे दिन काम करने के लिए और जरूरी ऊर्जा पाने के लिए रात में सही तरीके से सोना जरूरी है. इसके लिए सही दिशा में सिर करके सोना चाहिए, ताकि आप अगली सुबह पूरी स्‍फूर्ती से जागें. 
 
सोने की सही दिशा 


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वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय पूर्व और दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना सबसे अच्‍छा होता है. वहीं इसका उल्‍टा करना यानी कि पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना या पश्चिम और उत्‍तर दिशा की ओर सिर करके सोना बहुत नुकसान देता है. इसके पीछे वास्‍तु शास्‍त्र या धर्म में कारण बताया गया है कि दक्षिण दिशा को यम और नकारात्‍मक शक्तियों की दिशा माना गया है, ऐसे में इस ओर पैर करके सोना कई तरह की शारीरिक समस्‍याएं देता है. इसी तरह पूर्व यानी कि सूर्य के उदय की दिशा में पैर करके सोना भी बहुत अशुभ होता है. यह जीवन में कई तरह बाधाएं लाता है. 


दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने का वैज्ञानिक कारण 


दरअसल पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है और दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है. जब हम दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो यह ऊर्जा हमारे सिर की ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है. जबकि इससे उल्‍टा करने पर चुंबकीय धारा पैरों से प्रवेश करके सिर से बाहर निकलती है जो तनाव बढ़ाती है और कई बीमारियों का कारण बनती है. इस कारण सुबह जागने पर व्‍यक्ति थका हुआ और ऊर्जाहीन महसूस करता है. 


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